जबलपुर। जबलपुर में घरेलू विवाद के कारण पति ने अपनी पत्नी पर केरोसिन डालकर आग लगा दी थी. इसके बाद गंभीर हालत होने के बावजूद परिजनों ने उसे अस्पताल से डिस्चार्ज करवा लिया. इसके दो दिन बाद सेप्टिसीमिया से उसकी मौत हो गयी. हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पाल तथा जस्टिस बिंदु कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को आंशिक लाभ प्रदान करते हुए आजीवन कारावास की सजा को दस साल के कारावास में तब्दील करने के आदेश जारी किए.
पत्नी को केरोसिन डालकर जलाया : जबलपुर निवासी संजय अहिरवार ने पत्नी की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास से दंडित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की थी. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि अभियोजन के अनुसार पारिवारिक विवाद के कारण उसने अपनी पत्नी पर केरोसिन डालकर आग लगा दी. पत्नी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था. महिला के तीन बार मृत्यु पूर्व कथन लिये गये थे, जिसमें विरोधाभास था. डॉक्टर ने भी अपने बयान में कहा गया था कि महिला की हालत गंभीर थी. इसके बावजूद भी उसके परिजन डिस्चार्ज करवाकर उसे ले गये.
ALSO READ: |
हाई कोर्ट ने दिया आदेश : महिला को सही उपचार मिलने से उसकी जान बचाई जा सकती थी. महिला की दो दिन बाद सेप्टीसीमिया से मौत हो गयी. जिला न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए उसे हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किये जाने के खिलाफ उक्त अपील दायर की. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि तीनों मृत्युपूर्व बयान से साफ है कि आरोपी ने विवाद होने के कारण आवेश में मिट्टी तेल डालकर आग लगाई थी. महिला को सही उपचार मिलता तो उसकी जान बच सकती थी. युगलपीठ ने हत्या का अपराध नहीं मानते हुए धारा 304 ए के तहत 10 साल की सजा से दंडित किया है.