इंदौर। अखिल भारतीय श्री बलाई महासंघ ने इंदौर में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश में आदिवासियों व दलितों के साथ हुई घटनाओं पर कार्रवाई की मांग की है. इंदौर के पुलिस कमिश्नर कार्यालय बड़ी संख्या में लोगों के साथ पहुंचे बलाई महासंघ के अध्यक्ष मनोज परमार का कहना है कि आजादी के 76 साल बाद भी अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को आत्मसम्मान का जीवन नसीब नहीं हो रहा है.
दलितों पर अत्याचार : मनोज परमार ने कहा कि छतरपुर जिले के महाराजपुर में दलितों को सिर पर जूते-चप्पल रखकर निकलना पड़ा. सागर के पथरिया चटाई गांव में दलितों को मंदिर में प्रवेश निषेध है. वहीं कई गांवों में आज भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ सकता और ना ही बारात निकाल सकता है. परमार ने सीधी पेशाब कांड के साथ ही 16 अन्य गंभीर घटनाओं की जानकारी राज्य शासन को भेजी है. मांग की गई है कि पेशाब कांड की तरह ही मुख्यमंत्री इन घटनाओं को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई करें.
ये घटनाएं गिनाईं : 31 जनवरी 2023 को धार के एक्लरा गांव में दलित व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके शव का गांव के श्मशान में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया. 23 अप्रैल को आगर जिले के मल्लूपुरा गांव में दलित दूल्हे को बरात निकालने पर गर्दन काटकर मारने की धमकी दी गई. 14 अप्रैल को मंदसौर में एसटीएफ के जवान की बारात पर लोगों ने हमला कर दिया. धार जिले के मांगरोल में श्रीराम महायज्ञ में दलित समाज को पूर्णाहुति में शामिल नहीं किया गया. वहीं गुरु पूर्णिमा के भंडारे में समाज की उपेक्षा की गई. 1 जुलाई को देवास जिले के सोनकच्छ में मूक-बधिर दलित युवक को पेड़ से बांधकर पीटा गया. 2 जुलाई को शुजालपुर में 7 वर्षीय दलित बच्ची से पुजारी ने रेप किया.
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मंदिर में नहीं जाने दिया गया : 3 जुलाई को इंदौर में आशुतोष परमार नामक युवक की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई. 23 जून को धार के कटोला बुजुर्ग गांव में दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया. 24 जून को रतलाम के नामली थाना क्षेत्र में 5 वर्षीय दलित बच्ची के साथ रेप. राजगढ़ जिले के माचलपुर गांव में वाल्मीकि समाज की शादी में भोजन करने पर ओम मालाकार को समाज द्वारा बहिष्कृत किया गया. 13 जून को सीहोर के ग्राम अमरोहा में हनुमान जी के भंडारे में दलित और सवर्ण के अलग-अलग पंडाल लगे, भोजन फेंककर दिया गया.