इंदौर। अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए चित्रकार आर्ट गैलरी के लिए तरसते रहते हैं. इन उभरते कलाकारों के लिए महानगरों की बड़ी कारपोरेट इमारतों के कॉरिडोर भी आर्ट गैलरी के काम आ सकते हैं. इंदौर के प्रिंसेस बिजनेस स्काई पार्क में अंचल के उभरते चित्रकारों के लिए एक ऐसा ही अनूठा प्रयोग किया गया है. यहां कारपोरेट सेक्टर के बीच अब कई नामचीन चित्रकारों की पेंटिंग एग्जिबिशन लग रही हैं. यहां उभरते हुए कलाकारों को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मंच फ्री में मिल रहा है.
चित्रकारों को फ्री में मिला मंच : दरअसल, इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में 15 साल पहले जब यह बिल्डिंग बनी थी, तब बिल्डिंग के शुभारंभ अवसर पर शहर के चित्रकारों ने यहां पेंटिंग एग्जिबिशन लगाई थी. इस दौरान यहां आए मेहमानों और कारपोरेट जगत के तमाम लोगों सहित बिल्डर और आर्किटेक्ट को पेंटिंग एग्जिबिशन का प्रयोग बहुत अच्छा लगा था. इसी के फलस्वरूप बिल्डर मनोज मनमानी ने शहर के उभरते पेंटर्स से उनकी पेंटिंग्स यहां लगातार लगाए रखने का अनुरोध किया. इसके बाद शहर के बेशकीमती इलाके में पेंटर्स को जब निःशुल्क आर्ट गैलरी जैसी भव्य जगह मिल गई तो अंचल के कलाकारों की पेंटिंग एग्जिबिशन लगने लगी.
उभरते चित्रकारों को मंच मिला : बीते 15 सालों में अब स्थिति यह है कि यहां लगने वाली एग्जिबिशन को ना केवल कलाजगत के लोग देख पाते हैं, बल्कि कॉरपोरेट बिल्डिंग के अलावा आसपास आने वाले तमाम तरह के लोग पेंटिंग देखने पहुंचते हैं. इतना ही नहीं यहां से जो पेंटिंग्स बिकती है, उनकी आय का एक हिस्सा चेरिटेबल कार्यों में भी उपयोग होता है. फिलहाल इस तरह के प्रयोग के कारण अब ना केवल उभरते हुए चित्रकारों को आर्ट गैलरी का मंच मिल पा रहा है, बल्कि वे आर्थिक संकट में आर्ट गैलरी किराए पर नहीं ले पाने की परेशानी से भी मुक्त हो चुके हैं.
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गैलरी प्रबंधक कला प्रेमी : फिलहाल आर्ट गैलरी को संभालने का जिम्मा शहर के ही प्रबुद्ध नागरिकों का है. जो खुद भी कला जगत एवं कलाकारों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. इस मामले को लेकर आर्ट गैलरी के प्रबंधक पंकज अग्रवाल का कहना है कि उभरते चित्रकारों के लिए यहां अवसर उपलब्ध कराया गया है. खुशी है कि उभरते चित्रकार इस प्लेटफॉर्म का सदुपयोग कर रहे हैं. वहीं, शाजापुर के चित्रकार रोहित जोशी का कहना है कि यह युवा चित्रकारों के लिए एक प्रकार से गिफ्ट है.