इंदौर। मध्यप्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) से तैयार किए जाने वाले उत्पाद जल्दी बंद होंगे. इतना ही नहीं इन उत्पादों को जिन उद्योगों और कारखानों में बनाया जाता था, अब उन्हें भी बंद करने की तैयारी हो गई है. इंदौर में इस आशय को लेकर वेबीनार का आयोजन किया गया. जिसमें मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीक्षण यंत्री डॉ. एमएल पटेल एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनूप चतुर्वेदी ने जानकारी दी.
17 प्रकार के उत्पादों पर लगाया गया प्रतिबंध
दरअसल, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 (Plastic Waste Management Rules) में संशोधन करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया है. यह प्रतिबंध 01 जुलाई 2022 से प्रभावशील होंगे. इसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक जिसमें 17 प्रकार के उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है. इंदौर में इस आशय को लेकर वेबीनार का आयोजन किया गया. जिसमें मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीक्षण यंत्री डॉ. एमएल पटेल एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनूप चतुर्वेदी ने जानकारी दी.
एक जुलाई 2022 से लागू होगा प्रतिबंध
बता दें कि एमपी में पॉलीथीन कैरीबैग पर पूर्ण प्रतिबंध गत 24 मई 2017 से लागू हैं. इसके साथ सिंगल यूज प्लास्टिक संबंधी प्रतिबंध आगामी 01 जुलाई 2022 से लागू हो जाएंगे. सिंगल यूज प्लास्टिक का उद्योगों में निर्माण बंद कराने का दायित्व मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का होगा. इसके क्रय-विक्रय तथा इस्तेमाल पर प्रतिबंध के पालन कराने की जिम्मेदारी नगरीय निकायों एवं पंचायतों को दी गई है. उक्त संशोधन के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उत्पादन करने वाली इकाइयों के ऊपर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की होगी. वहीं क्रय-विक्रय उपयोग इत्यादि पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के अधिकार नगरीय निकायों एवं पंचायतों को सौंपे गये हैं.
पर्यावरण बचाने के लिए सरकार की पहल, सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक वेस्ट बन रही सड़कें
यह उत्पाद बनेंगे विकल्प
सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक आइटम जैसे- पेपर कप, पेपर ग्लास, पत्तों से बने दोने, मिट्टी से बने कुल्हड़, सुराही, लकड़ी से बने कटलरी आइटम एवं स्टिक्स इत्यादि का उपयोग किया जाएगा. इसी प्रकार पूजा पंडाल में शादियों में प्लास्टिक से बने सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्माकोल के उपयोग को हतोत्साहित करना श्रेयस्कर होगा.