इंदौर। नामीबिया से चीतों को भारत लाने वाले विशेष विमान की तस्वीर सामने आई है, जिसमें साइबेरियन टाइगर की खूबसूरत पेंटिंग की गई है. विमान कंपनी ने इस फ्लाइट को विशेष फ्लैग नंबर 118 दिया है. कंपनी दुनिया में पहली बार चीतों को शिफ्ट करने के लिए इस फ्लाइट का संचालन कर रही है, ऐसे में यह उनके लिए एक ऐतिहासिक पल है. विमान पर बनी साइबेरियन टाइगर की पेंटिंग साल 2015 में बनाई गई थी.
विमान में क्या होगा खास: इस विमान में 8 चीतों को भारत लाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन्हें 17 सितंबर को कूनो अभयारण्य में छोड़ेंगे. विमान चीतों को लेने के लिए पहुंच चुका है, नामीबिया में भारतीय दूतावास ने इस विमान की तस्वीर ट्वीट की है. विशेष विमान बी 747 जंबो जेट 16 सितंबर शुक्रवार को नामीबिया से 8 चीतों को लेकर भारत के लिए उड़ान भरेगा. विमान कंपनी के मुताबिक रात के समय में उड़ान भरने से चीतों को पहुंचाने में आसानी होगी. यह उड़ान शनिवार 17 सितंबर की सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड करेगी और फिर चीतों को हेलीकाप्टर के द्वारा कूनो अभयारण्य ले जाया जाएगा. (cheetah project india ) (Picture of special plane bringing cheetahs) (Namibia cheetah pictures)
प्लेन में क्या किया गया बदलाव: चीतों को भारत लाने वाले बोइंग 747 पैसेंजर जंबो जेट को इस तरह परिवर्तित किया गया है कि उसमें पिंजरों को आसानी से रखा जा सके. पिंजरों के बीच इतनी जगह होगी कि उड़ान के दौरान पशु चिकित्सक आसानी से चीतों पर नजर रख सकें. यह विमान 16 घंटे तक बिना रुके उड़ान भर सकता है, इसी वजह से यह नामीबिया से उड़ाने भरने के बाद सीधे जयपुर में उतरेगा. (cheetahs Namibia to India)
इसमें उड़ान के दौरान पशु चिकित्सकों को इन चीतों तक पहुंचने की अनुमति दी गई है. ये विमान एक अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज जेट है, जो 16 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है. ये विमान नामीबिया से सीधे भारत के लिए बिना ईंधन भरे उड़ान भर सकता है. विमान को एक बड़ी विमान ब्रोकरेज कंपनी एक्शन एविएशन द्वारा खरीदा गया था. उड़ान के लिए व्यक्तिगत रूप से कैप्टन हामिश हार्डिंग, एक्शन एविएशन के अध्यक्ष, डॉ लॉरी मार्कर के एक मित्र और द एक्सप्लोरर्स क्लब के एक साथी सदस्य द्वारा मैनेज किया गया. एक्सप्लोरर्स क्लब ने इस महत्वपूर्ण पशु संरक्षण मिशन को "ध्वजांकित अभियान" के रूप में नामित किया है. डॉ लॉरी मार्कर और हामिश हार्डिंग चीतों की पहली उड़ान पर एक्सप्लोरर्स क्लब फ्लैग नंबर 118 लेकर चलेंगे. विमान का मालिकाना हक संयुक्त अरब अमीरात के एक्वीलाइन इंटरनेशनल कार्पोरेशन के पास है, जो अपने विमान बेड़े का विश्वव्यापी चार्टर संचालन करते हैं.