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लगातार सातवें दिन भी हुआ भगवान शिव का रुद्राभिषेक, कोरोना से मुक्ति प्रार्थना

इटारसी के दुर्गा नवग्रह मंदिर लकड़गंज में सावन महीने के सातवें दिन भी भगवान शिव का पूजन और रुद्राभिषेक किया गया. जिसमें देश को कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की गई.

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Published : Jul 13, 2020, 1:32 AM IST

Rudrabhishek of Lord Shiva also happened for the seventh consecutive day
लगातार सातवें दिन भी हुआ भगवान शिव का रुद्राभिषेक

होशंगाबाद। जिले के इटारसी में सावन महीना शुरु होते ही श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लकड़गंज में भगवान शिव का पूजन जारी है. सातवें दिन भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया. वहीं रविवार का दिन होने के कारण श्रद्धालु सीमित ही आए. इस दौरान सभी पुजारियों और ब्राम्हणों ने मास्क लगा रखा था. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह से पालन किया गया.

इस मंदिर में पहले ही दिन से भगवान शिव को प्रसन्न करने और कोरोना महामारी से बचाव के लिए महामृत्युंजय पाठ निरंतर किया जा रहा है. रुद्राभिषेक के अवसर पर भक्त जनों को संबोधित करते हुए आचार्य पंडित विनोद दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी इस शहर में दोबारा आ गई है, यह गंभीर चिंता का विषय है. नागरिकों को अपने दायित्व समझना चाहिए और सतर्क सजग रहकर स्वस्थ रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अपनी मर्यादा है , लेकिन नागरिक ही यदि नियमो का पालन नहीं करेंगे तो कुछ नहीं हो सकता. हम केवल विनाश की ओर जाएंगे. उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि चेहरे पर मास्क लगाएं दोनों हाथों को सेनेटाइज करें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें.

दुबे ने कहा कि सावन मास में भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न दिखाई देते हैं और उन्हें सबसे प्रिय धतूरा, बेलपत्र उन्हें चढ़ाया जाता है. पंडित दुबे ने कहा कि कैलाश पर्वत पर विराजित भगवान शंकर सावन मास में सृष्टि में विचरण करने के लिए आते हैं, उनका मानना है कि भगवान कब किस रूप में आ जाए कहा नहीं जा सकता. भगवान शिव कभी सती के साथ और कभी माता पार्वती के साथ दिखाई दिए परंतु उनका अर्धनारेश्वर स्वरूप आज भी पूजा जाता है.

होशंगाबाद। जिले के इटारसी में सावन महीना शुरु होते ही श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लकड़गंज में भगवान शिव का पूजन जारी है. सातवें दिन भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया. वहीं रविवार का दिन होने के कारण श्रद्धालु सीमित ही आए. इस दौरान सभी पुजारियों और ब्राम्हणों ने मास्क लगा रखा था. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह से पालन किया गया.

इस मंदिर में पहले ही दिन से भगवान शिव को प्रसन्न करने और कोरोना महामारी से बचाव के लिए महामृत्युंजय पाठ निरंतर किया जा रहा है. रुद्राभिषेक के अवसर पर भक्त जनों को संबोधित करते हुए आचार्य पंडित विनोद दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी इस शहर में दोबारा आ गई है, यह गंभीर चिंता का विषय है. नागरिकों को अपने दायित्व समझना चाहिए और सतर्क सजग रहकर स्वस्थ रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अपनी मर्यादा है , लेकिन नागरिक ही यदि नियमो का पालन नहीं करेंगे तो कुछ नहीं हो सकता. हम केवल विनाश की ओर जाएंगे. उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि चेहरे पर मास्क लगाएं दोनों हाथों को सेनेटाइज करें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें.

दुबे ने कहा कि सावन मास में भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न दिखाई देते हैं और उन्हें सबसे प्रिय धतूरा, बेलपत्र उन्हें चढ़ाया जाता है. पंडित दुबे ने कहा कि कैलाश पर्वत पर विराजित भगवान शंकर सावन मास में सृष्टि में विचरण करने के लिए आते हैं, उनका मानना है कि भगवान कब किस रूप में आ जाए कहा नहीं जा सकता. भगवान शिव कभी सती के साथ और कभी माता पार्वती के साथ दिखाई दिए परंतु उनका अर्धनारेश्वर स्वरूप आज भी पूजा जाता है.

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