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यहां नौ दिन मां सरस्वती की होती है पूजा अर्चना, बाद में स्कूल को दान कर दी जाती है मूर्ति

जिले के इटारसी में पिछले 4 सालों से एक समिति मां सरस्वती की स्थापना करती है.जिसके बाद प्रतिमा को किसी भी एक स्कूल में दान कर दी जाती है.

मां सरस्वती की स्थापना
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Published : Oct 6, 2019, 10:43 AM IST

Updated : Oct 6, 2019, 11:11 AM IST

होशंगाबाद। जिले के इटारसी में सांस्कृति मंडल द्वारा पिछले 4 सालों से मां सरस्वती की स्थापना की जा रही है.खास बात यह है कि संस्था इस प्रतिमा को विसर्जन ना करके इस ग्रामीण स्कूलों में दान कर देती है.

मां सरस्वती की स्थापना
संस्था का मनाना है कि इससे स्कूल के छात्र ज्ञान की देवी सरस्वती जी की आराधना करना सीखेंगे. इसी उद्देश्य को लेकर निरंतर 3 वर्षों से मां सरस्वती की 9 दिन तक सांस्कृतिक मंडल इटारसी द्वारा भक्ति भाव से पूजा अर्चना करने के उपरांत समिति द्वारा एक स्कूल का चयन का उन्हें दान दे दी जाती है समिति के सदस्यों ने का कहना है कि पहले साल सरकारी स्कूल, जुझारपुर दूसरे साल आदिवासी विद्यालय केसला , तीसरे साल आदिवासी शासकीय स्कूल भड़कदा और इस वर्ष सरकारी स्कूल सहेली को दान दी जाएगी.

होशंगाबाद। जिले के इटारसी में सांस्कृति मंडल द्वारा पिछले 4 सालों से मां सरस्वती की स्थापना की जा रही है.खास बात यह है कि संस्था इस प्रतिमा को विसर्जन ना करके इस ग्रामीण स्कूलों में दान कर देती है.

मां सरस्वती की स्थापना
संस्था का मनाना है कि इससे स्कूल के छात्र ज्ञान की देवी सरस्वती जी की आराधना करना सीखेंगे. इसी उद्देश्य को लेकर निरंतर 3 वर्षों से मां सरस्वती की 9 दिन तक सांस्कृतिक मंडल इटारसी द्वारा भक्ति भाव से पूजा अर्चना करने के उपरांत समिति द्वारा एक स्कूल का चयन का उन्हें दान दे दी जाती है समिति के सदस्यों ने का कहना है कि पहले साल सरकारी स्कूल, जुझारपुर दूसरे साल आदिवासी विद्यालय केसला , तीसरे साल आदिवासी शासकीय स्कूल भड़कदा और इस वर्ष सरकारी स्कूल सहेली को दान दी जाएगी.
Intro:होशंगाबाद। जिले के इटारसी में सांस्कृतिक मंडल विगत 4 सालों से मां वीणा वादिनी सरस्वती जी की स्थापना करता आ रहा है। लेकिन इसमें खास बात यह है कि इस प्रतिमा का विसर्जन ना करके सरस्वती प्रतिमा को ग्रामीण स्कूलों को दान दी जाती हैं। Body:इससे स्कूल के छात्र-छात्राओं ज्ञान की देवी सरस्वती जी की आराधना करना सीखें। इसी उद्देश्य को लेकर निरंतर 3 वर्षों से सरस्वती जी की 9 दिन तक सांस्कृतिक मंडल इटारसी द्वारा भक्ति भाव से पूजा अर्चना करने के उपरांत समिति द्वारा एक स्कूल का चयन का उन्हें दान दे दी जाती है ।
समिति के सदस्यों ने बतलाए पहले वर्ष सरकारी स्कूल जुझारपुर दूसरे वर्ष आदिवासी विद्यालय केसला और तीसरे वर्ष आदिवासी शासकीय स्कूल सरकारी भड़कदा और इस वर्ष सरकारी स्कूल सहेली को दान दी जायेगी।
समिति का उद्देश्य सरस्वती जी की आराधना करना बच्चे सीखें आजकल के बच्चों को यह नहीं पता कि शिक्षा की देवी कौन है ? शिक्षा के प्रभाव के कारण बच्चों में जागरूकता लाने के उद्देश्य समिति कार्य कर रही हैं। Conclusion:4 सालों से समिति खुले में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करती चली आ रही है। काफी कम खर्च में यह प्रतिमा स्थापित करने के साथ जागरूकता लाने के उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के स्कूलों का चयन कर उन्हें सरस्वती जी की प्रतिमा दान दी जाती है।
बाईट विशाल जैन
सांस्कृतिक समिति सदस्य इटारसी
Last Updated : Oct 6, 2019, 11:11 AM IST
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