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कचरे के धुएं से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर, बंद पड़ा है ट्रीटमेंट प्लांट

हरदा में न सिर्फ कचरे से खाद बनाने का प्लान फेल हुआ, बल्की ट्रीटमेंट प्लांट के सही से काम न करने के कारण शहर के लोगों को भी भारी समस्याओं को समना करना पड़ रहा है.

धुएं से हो रहा स्वास्थ्य पर बुरा असर
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Published : Oct 17, 2019, 1:24 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 7:34 AM IST

हरदा। जहां पूरे भारत में स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम चलाई जा रही है. वहीं हरदा नगर पालिका शहर के 35 वार्डों के लगभग 18 मीट्रिक टन कचरे को मुक्तिधाम के पास डंप किया जा रहा है. जिसके चलते कचरे की दुर्गंध और धुएं से राहगीर और आसपास के क्षेत्रवासी परेशान हो रहे हैं.

कचरे के धुएं से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर

बारिश थमने के बाद इस कचरे में आग लगा दी जाती है. जिसके चलते पूरे क्षेत्र में धुआं फैल जाता है. इस पर डॉक्टरों का कहना है कि, इस जहरीले धुएं से लोगों को सांस लेने में तकलीफ के साथ हाथ पैर में दर्द होने सहित अन्य गम्भीर बीमारियां हो सकती हैं. जबकि नगर पालिका ने मुक्तिधाम के बगल में ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है. जिससे खाद बनाकर किसानों को बेचने की प्लानिंग की गई थी. लेकिन यह प्लांट बंद पड़ा है.

बता दें कि दस साल पहले भी नगर पालिका ने 50 लाख की लागत से अपशिष्ट प्रबंधन के लिए रिछाड़िया गांव में प्लांट तैयार किया था. लेकिन उसकी मशीनें लावारिस हालत में पड़ी हुई हैं. इस समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिकायत भी की. लेकिन नगर पालिका उदासीन रवैया अपनाए हुए है, साथ ही मुक्तिधाम के पास आंगनबाड़ी के बच्चें यहां दुर्गंध के बीच रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

हरदा। जहां पूरे भारत में स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम चलाई जा रही है. वहीं हरदा नगर पालिका शहर के 35 वार्डों के लगभग 18 मीट्रिक टन कचरे को मुक्तिधाम के पास डंप किया जा रहा है. जिसके चलते कचरे की दुर्गंध और धुएं से राहगीर और आसपास के क्षेत्रवासी परेशान हो रहे हैं.

कचरे के धुएं से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर

बारिश थमने के बाद इस कचरे में आग लगा दी जाती है. जिसके चलते पूरे क्षेत्र में धुआं फैल जाता है. इस पर डॉक्टरों का कहना है कि, इस जहरीले धुएं से लोगों को सांस लेने में तकलीफ के साथ हाथ पैर में दर्द होने सहित अन्य गम्भीर बीमारियां हो सकती हैं. जबकि नगर पालिका ने मुक्तिधाम के बगल में ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है. जिससे खाद बनाकर किसानों को बेचने की प्लानिंग की गई थी. लेकिन यह प्लांट बंद पड़ा है.

बता दें कि दस साल पहले भी नगर पालिका ने 50 लाख की लागत से अपशिष्ट प्रबंधन के लिए रिछाड़िया गांव में प्लांट तैयार किया था. लेकिन उसकी मशीनें लावारिस हालत में पड़ी हुई हैं. इस समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिकायत भी की. लेकिन नगर पालिका उदासीन रवैया अपनाए हुए है, साथ ही मुक्तिधाम के पास आंगनबाड़ी के बच्चें यहां दुर्गंध के बीच रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

Intro:हरदा नगर पालिका के द्वारा शहर के 35 वार्डो से एकत्रित किया जाने वाले करीब 18 मीट्रिक टन कचरे को स्थानीय मुक्तिधाम के पास फेंका जा रहा है।इस कचरे की दुर्गंघ और धुंए से यहां से निकलने वाले राहगीरों के साथ साथ पूरे नगर के लोग परेशान हो रहे है।बारिश थमने का बाद ही यहां पड़े कचरे में आग लगा दी जाती है।जिसके चलते शाम होने के बाद देर रात तक पूरे शहर में यहां से निकलने वाला जहरीला धुंआ फैल जाता है।डॉक्टर्स की माने तो इस प्रकार के जहरीले धुंए की वजह से लोगो के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।धुंए की वजह से लोगो को सांस लेने में तकलीफ,हाथ पैर में दर्द होने सहित अन्य गम्भीर बीमारियों का शिकार होना पड़ सकता है।लेकिन जनता के स्वास्थ्य से जुड़े इस गम्भीर मुद्दे को लेकर नगर पालिका उदासीन नजर आ रही है।अंतिम यात्रा के दौरान मुक्तिधाम जाने वाले लोगों को भी इस दुर्गंघ भरे रास्ते से ही होकर गुजरना पड़ता है।


Body:नगर पालिका के द्वारा मुक्तिधाम के बाजू में ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है।लेकिन वह बंद पड़ा हुआ है।इस प्लांट से नगर पालिका के द्वारा खाद बनाकर किसानों को बेचने की प्लांनिग की गई थी।जो केवल कागजो में ही सिमट नजर आरही है।वही मुक्तिधाम के पास बनाया गया प्लांट भी कुछ दिनों चलने के बाद बंद हो गया है।इसके पूर्व भी नगर पालिका के द्वारा करीब दस साल पहले 50 लाख की लागत से अपशिष्टप्रबंधन के लिए मशीनें खरीदकर ग्राम रिछाड़िया में प्लांट तैयार किया था।लेकिन उसकी मशीन भी लाबारिस हालत में पड़ी हुई है।नगर के सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शर्मा और सुनील माहेश्वरी के द्वारा भी इस समस्या को लेकर नगरपालिका प्रशासन का ध्यान अवगत कराया जा चुका है।लेकिन कोई ध्यान नही दिया गया है।वही मुक्तिधाम के पास लगने वाली आंगनबाड़ी के बच्चों को भी यहां की दुर्गंघ के बीच रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
बाईट-मनीष शर्मा,हरदा
बाईट-सुनील माहेश्वरी,हरदा
बाईट-शकीना खान ,आंगनबाड़ीकार्यकर्ता


Conclusion:उधर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि इस प्रकार का धुआं कइयों बीमारियों को जन्म देता है।उन्होंने इसे स्वास्थ पर विपरीतप्रभाव डालने की बात कही है।
बाईट-डॉ श्रीकांत सेंगर,सिविल सर्जन,हरदा
उधर इस मामले को लेकर नगर पालिका के सीएमओ जीएस यादव का कहना है कि यहां पर फेंके जाने वाले कचरे में कभी कभार ही कबाड़ियों के द्वारा आग लगा दी जाती है।जबकि पूरा शहर रोज परेशान होता है।उनके द्वराकिसी कर्मचारियों के द्वारा कचरे में आग नही लगाई जाती।यहां पर कर्मचारी पाबंद कर दिया जाएगा।यदि कोई व्यक्ति कचरे में आग लगाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
बाईट- जीएस यादव,सीएमओ,नगरपालिका हरदा
Last Updated : Oct 18, 2019, 7:34 AM IST
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