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जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट बनने का मामला,सस्पेंड तीन कर्मचारियों में से एक ने खाया जहर

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Published : Nov 11, 2020, 4:26 PM IST

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग फाइनल सेमेस्टर की कुछ गलत मार्कशीट बनाने के मामले में गोपनीय विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जिस पर निलंबित कर्मचारी ने आत्महत्या करने की कोशिश की है.

Jiwaji University
जीवाजी विश्वविद्यालय

ग्वालियर। करीब पांच दिन पहले ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय फर्जी मार्कशीत बनाने के मामला सामने आया था,इस खुलासे के बाद अब मामले ने तूल पकड़ लिया है.और विश्वविद्यालय प्रशासन ने गोपनीय विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं गोपनीय विभाग के एक कर्मचारी विनोद जाटव ने अपने सस्पेंशन को गलत बताते हुए बड़ी संख्या में नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की.

जीवाजी विश्वविद्यालय

कर्मचारी को उसके परिवार के लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया है. अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारी विनोद जाटव की हालत खतरे से बाहर बताई है, लेकिन बड़े अधिकारियों को इस मामले में छोड़ देने और छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराने से कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. खुद कार्य परिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने इस मामले को अपर्याप्त बताते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है.

वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच चल रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी कहना है कि अधिकारी वर्ग के ऊपर कार्रवाई की है, या नहीं, उसकी जांच की जा रही है, अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा

जानें क्या है मामला-जीवाजी विश्वविद्यालय में सामने आया फर्जी मार्कशीट बनाने का मामला, कुलपति ने जांच के दिए निर्देश

बता दें, जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग की फर्जी मार्कशीट मिली है. इस बार फर्जी मार्कशीट तैयार किए जाने की शिकायत खुद कार्य परिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने की थी. उन्होंने इस मामले में जांच के लिए दस्तावेजों को कुलपति को सौंपा था.

ग्वालियर। करीब पांच दिन पहले ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय फर्जी मार्कशीत बनाने के मामला सामने आया था,इस खुलासे के बाद अब मामले ने तूल पकड़ लिया है.और विश्वविद्यालय प्रशासन ने गोपनीय विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं गोपनीय विभाग के एक कर्मचारी विनोद जाटव ने अपने सस्पेंशन को गलत बताते हुए बड़ी संख्या में नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की.

जीवाजी विश्वविद्यालय

कर्मचारी को उसके परिवार के लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया है. अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारी विनोद जाटव की हालत खतरे से बाहर बताई है, लेकिन बड़े अधिकारियों को इस मामले में छोड़ देने और छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराने से कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. खुद कार्य परिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने इस मामले को अपर्याप्त बताते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है.

वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच चल रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी कहना है कि अधिकारी वर्ग के ऊपर कार्रवाई की है, या नहीं, उसकी जांच की जा रही है, अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा

जानें क्या है मामला-जीवाजी विश्वविद्यालय में सामने आया फर्जी मार्कशीट बनाने का मामला, कुलपति ने जांच के दिए निर्देश

बता दें, जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग की फर्जी मार्कशीट मिली है. इस बार फर्जी मार्कशीट तैयार किए जाने की शिकायत खुद कार्य परिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने की थी. उन्होंने इस मामले में जांच के लिए दस्तावेजों को कुलपति को सौंपा था.

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