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कुत्तों के बढ़ते आतंक से लोगों में भय का माहौल, मंत्री ने दिया कुत्तों के धरपकड़ का आदेश

शहर में कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कुत्ते किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे है. जिससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है.

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Published : Jun 1, 2019, 1:26 PM IST

फाइल फोटो

ग्वालियर। शहर में बढ़ते कुत्तों के आतंक से लोगों में भय का माहौल है. पिछले दिनों आवारा कुत्ते के काटने से एक मासूम बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं जयारोग्य अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 15 से 20 मरीज कुत्तों के काटने का शिकार होकर पहुंच रहे हैं. वहीं आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ के आदेश जारी कर दिए हैं.

मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर

बता दें कि ग्वालियर के महाराज बाड़ा और आंनद नगर जैसे पॉश इलाके में रहने वाले राजीव की बेटी पर कुत्तों ने हमला कर दिया. जिसके उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं लोगों का कहना है कि महाराज वाडा और आनन्द नगर में 100 से ज्यादा आवारा कुत्तों का डेरा है जो लोगों के परेशानी का सबब बना हुआ है.

कुत्तों के आतंक को लेकर जहां शहर के लोग परेशान हैं. तो वहीं नगर निगम का विपक्ष भी इसको लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोल रहे है. विपक्ष का कहना है कि शहर में कुत्तों की आबादी 50 हजार के पार हो चुकी है. आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2008 से 2018 तक एनिमल एंड केयर संस्था नसबंदी का काम कर रही थी. लेकिन उसे निगम की अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के चलते हटा दिया गया. वहीं दूसरी तिरुपति फाउंडेशन को ज्यादा रेट से दे दिया है. जो कागजों में कुत्तों की नसबंदी कर रही हैं. जबकि निगम की एग्रीमेंट के हिसाब से उसे हर महीने 500 कुत्तों की नसबंदी करनी थी. जिसके एवज में निगम उसी एक कुत्ते पर 850 रुपए दे रहा है. वहीं कुत्तों के आतंक को को देखते हुए कैबिनेट मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने संस्था को जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ करवाने के आदेश दे दिए हैं.

ग्वालियर। शहर में बढ़ते कुत्तों के आतंक से लोगों में भय का माहौल है. पिछले दिनों आवारा कुत्ते के काटने से एक मासूम बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं जयारोग्य अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 15 से 20 मरीज कुत्तों के काटने का शिकार होकर पहुंच रहे हैं. वहीं आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ के आदेश जारी कर दिए हैं.

मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर

बता दें कि ग्वालियर के महाराज बाड़ा और आंनद नगर जैसे पॉश इलाके में रहने वाले राजीव की बेटी पर कुत्तों ने हमला कर दिया. जिसके उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं लोगों का कहना है कि महाराज वाडा और आनन्द नगर में 100 से ज्यादा आवारा कुत्तों का डेरा है जो लोगों के परेशानी का सबब बना हुआ है.

कुत्तों के आतंक को लेकर जहां शहर के लोग परेशान हैं. तो वहीं नगर निगम का विपक्ष भी इसको लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोल रहे है. विपक्ष का कहना है कि शहर में कुत्तों की आबादी 50 हजार के पार हो चुकी है. आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2008 से 2018 तक एनिमल एंड केयर संस्था नसबंदी का काम कर रही थी. लेकिन उसे निगम की अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के चलते हटा दिया गया. वहीं दूसरी तिरुपति फाउंडेशन को ज्यादा रेट से दे दिया है. जो कागजों में कुत्तों की नसबंदी कर रही हैं. जबकि निगम की एग्रीमेंट के हिसाब से उसे हर महीने 500 कुत्तों की नसबंदी करनी थी. जिसके एवज में निगम उसी एक कुत्ते पर 850 रुपए दे रहा है. वहीं कुत्तों के आतंक को को देखते हुए कैबिनेट मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने संस्था को जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ करवाने के आदेश दे दिए हैं.

Intro:ग्वालियर- मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में इन दिनों कुत्तों का आतंक ह। आवारा कुत्ते ने एक मासूम बच्ची की जान ले ली है तो वही जयारोग्य अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 15 से 20 मरीज कुत्तों का शिकार होकर पहुंच रहे है। ग्वालियर शहर की करीब 50 हजार आवारा कुत्ते है। और हर साल नए कुत्तों की संख्या में 15 हजार का इजाफा हो रहा है। निगम आवारा कुत्तों को पकड़ने में नाकामयाब है तो वही कुत्तों की नसबंदी के नाम पर हर साल करीब 60 लाख खर्च किया जा रहा है इनमें हो रहे फर्जीवाड़ा की वजह से आवारा कुत्तों की संख्या थमने की बजाय लगातार बढ़ रही है। शहर में मची हाहाकार के बाद मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने कुत्तों के आतंक को देखते हुए कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं।


Body:ग्वालियर के महाराज बाड़ा और आंनद नगर जैसे पॉश इलाके में काम करने वाले राजीव की बेटीको कुत्ते ने घेर लिया । भागने की कोशिश की तो बच्ची सोनी की पैर को मुंह में दबोच लिया। आसपास के लोगों ने मुश्किल से कुत्ते को भगाया गहरी जख्म का इलाज कराने जयारोग्य अस्पताल पहुंचे सोनी के पिता का कहना है कि स्मार्ट सिटी में आने वाले महाराज वाडा और आनन्द नगर में 50 से ज्यादा आवारा कुत्तों का डेरा है। उनके इलाके में 100 से ज्यादा आवारा कुत्ते मुसीबत का सबब बने हैं। रोजाना 2 से 3 लोगों को कुत्ते शिकार बना रहे हैं। 3 दिन पहले इसी इलाके में 3 साल की बच्ची रोशनी की जान ले ली थी।

बाईट- राजीव , घायल बच्ची के पिता


Conclusion:कुत्तों के आतंक को लेकर जहां शहर के लोग परेशान हैं तो वहीं नगर निगम का विपक्ष भी इसको लेकर सत्ता पक्ष पर आक्रमण है वह कह रहा है कि शहर में कुत्तों की आबादी 50 हजार के पार हो चुकी है साल 2008 से 2018 तक एनिमल एंड केयर संस्था नसबंदी का काम कर रही थी लेकिन उसे निगम की अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के चलते हटा दिया । वहीं दूसरी तिरुपति फाउंडेशन को ज्यादा रेट से दे दिया है जो कागजों में कुत्तों की नसबंदी कर रही हैं। जबकि निगम की एग्रीमेंट के हिसाब से उसे हर महीने 500 कुत्तों की नसबंदी करनी थी जिसके एवज में निगम उसी एक कुत्ते पर 850 रुपए दे रहा है वही कुत्तों के आतंक को को देखते हुए कैबिनेट मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने संस्था को जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ करवाने के आदेश दे दिए हैं।

बाईट - कृष्णराव दीक्षित , नेता प्रतिपक्ष निगम

बाईट- प्रदुम्न सिंह , कैविनेट मंत्री
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