ग्वालियर। शहर में बढ़ते कुत्तों के आतंक से लोगों में भय का माहौल है. पिछले दिनों आवारा कुत्ते के काटने से एक मासूम बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं जयारोग्य अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 15 से 20 मरीज कुत्तों के काटने का शिकार होकर पहुंच रहे हैं. वहीं आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ के आदेश जारी कर दिए हैं.
बता दें कि ग्वालियर के महाराज बाड़ा और आंनद नगर जैसे पॉश इलाके में रहने वाले राजीव की बेटी पर कुत्तों ने हमला कर दिया. जिसके उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं लोगों का कहना है कि महाराज वाडा और आनन्द नगर में 100 से ज्यादा आवारा कुत्तों का डेरा है जो लोगों के परेशानी का सबब बना हुआ है.
कुत्तों के आतंक को लेकर जहां शहर के लोग परेशान हैं. तो वहीं नगर निगम का विपक्ष भी इसको लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोल रहे है. विपक्ष का कहना है कि शहर में कुत्तों की आबादी 50 हजार के पार हो चुकी है. आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2008 से 2018 तक एनिमल एंड केयर संस्था नसबंदी का काम कर रही थी. लेकिन उसे निगम की अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के चलते हटा दिया गया. वहीं दूसरी तिरुपति फाउंडेशन को ज्यादा रेट से दे दिया है. जो कागजों में कुत्तों की नसबंदी कर रही हैं. जबकि निगम की एग्रीमेंट के हिसाब से उसे हर महीने 500 कुत्तों की नसबंदी करनी थी. जिसके एवज में निगम उसी एक कुत्ते पर 850 रुपए दे रहा है. वहीं कुत्तों के आतंक को को देखते हुए कैबिनेट मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने संस्था को जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कलेक्टर और कमिश्नर को कुत्तों की धरपकड़ करवाने के आदेश दे दिए हैं.