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बारिश नहीं होने से धान किसानों की बढ़ी चिंता, मानसून की देरी से फसलों को नुकसान का डर

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Published : Jul 25, 2020, 6:50 PM IST

ग्वालियर अंचल में बारिश नहीं होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं. संपन्न किसानों ने अपने स्तर पर ट्यूबवेल से पानी लगाया है. लेकिन फिर भी धान को और ज्यादा पानी की जरूरत है.

Paddy farmer upset due to no rain in Gwalior
बारिश नहीं होने से धान किसान की चिंता बढ़ी

ग्वालियर। मानसून में अभी तक बारिश नहीं होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. खरीफ की प्रमुख फसल धान के लिए इस समय पानी की बहुत जरूरत है, वहीं उड़द मूंग तिल्ली और बाजरा के लिए भी पानी की आवश्यकता है, लेकिन ग्वालियर अंचल में बारिश न होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं.

बारिश नहीं होने से धान किसान की बढ़ी चिंता

कृषि वैज्ञानिक आरपीएस तोमर का कहना है कि धान के अलावा खरीफ की दूसरी फसलों के लिए भी पानी की जरूरत है. बारिश की कमी आने वाले एक सप्ताह में पूरी हो सकती है. वहीं मौसम विज्ञान केंद्र ने एक हफ्ते तक मानसून सिस्टम सक्रिय होने पर अच्छी बारिश का अनुमान जताया है.

जून महीने में सक्रिय होने वाला मानसून 1 महीने लेट हो चुका है, जिसके कारण खरीफ की फसलों को नुकसान होने का अंदेशा है. ग्वालियर जिले में इस बार 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल के बोने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें सबसे ज्यादा रकबा धान की फसल का है, लेकिन धान को ज्यादा पानी की जरूरत होती है, पर मौसम के हाल देख किसान परेशान हैं. संपन्न किसानों ने अपने स्तर पर ट्यूबवेल से पानी लगाया है. लेकिन फिर भी धान को और ज्यादा पानी की जरूरत है, जिसके लिए मानसूनी बारिश की ही जरूरत है.

ग्वालियर। मानसून में अभी तक बारिश नहीं होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. खरीफ की प्रमुख फसल धान के लिए इस समय पानी की बहुत जरूरत है, वहीं उड़द मूंग तिल्ली और बाजरा के लिए भी पानी की आवश्यकता है, लेकिन ग्वालियर अंचल में बारिश न होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं.

बारिश नहीं होने से धान किसान की बढ़ी चिंता

कृषि वैज्ञानिक आरपीएस तोमर का कहना है कि धान के अलावा खरीफ की दूसरी फसलों के लिए भी पानी की जरूरत है. बारिश की कमी आने वाले एक सप्ताह में पूरी हो सकती है. वहीं मौसम विज्ञान केंद्र ने एक हफ्ते तक मानसून सिस्टम सक्रिय होने पर अच्छी बारिश का अनुमान जताया है.

जून महीने में सक्रिय होने वाला मानसून 1 महीने लेट हो चुका है, जिसके कारण खरीफ की फसलों को नुकसान होने का अंदेशा है. ग्वालियर जिले में इस बार 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल के बोने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें सबसे ज्यादा रकबा धान की फसल का है, लेकिन धान को ज्यादा पानी की जरूरत होती है, पर मौसम के हाल देख किसान परेशान हैं. संपन्न किसानों ने अपने स्तर पर ट्यूबवेल से पानी लगाया है. लेकिन फिर भी धान को और ज्यादा पानी की जरूरत है, जिसके लिए मानसूनी बारिश की ही जरूरत है.

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