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शिवरात्रि: इस मंदिर ने छुटा दिये सिंधिया राजपरिवार के पसीने, दो दिन में तीन लाख लोग करेंगे महादेव के दर्शन

ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारियां चल रही हैं. यह वही मंदिर है जिसने कभी सिंधिया राज परिवार के पसीने छूड़ा दिए थे.

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Published : Mar 4, 2019, 5:42 AM IST

ग्वालियर। महाशिवरात्रि पर्व के लिए शिवालयों को सजाया जा रहा है. शहर के बीचोंबीच बने अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस बार 2 दिन की शिवरात्रि होने की वजह से 48 घंटों तक मंदिर में भक्तों का हुजूम लगा रहेगा. मान्यता है कि इस मंदिर को शिफ्ट करने की कोशिश में सिंधिया शासकों के पसीने छूट गए थे.

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पंडित

रात बारह बजे से ही मंदिर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. सुबह 4 बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा. शहर के बीचो-बीच होने की वजह से इंदरगंज कटोरा ताल रोड और महल रोड का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. महिलाओं के लिए दर्शन की अलग से व्यवस्था की गई है. मंदिर को करीब साढ़े तीन सौ क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है. 500 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी अचलेश्वर मंदिर की सुरक्षा और भक्तों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. अनुमान है कि इन दो दिनों में करीब तीन लाख लोग भगवान शिव के दर्शन करेंगे.

पंडित

इस मंदिर से एक मिथक जुड़ा हुआ है. कहते हैं कि यहां बरगद के पेड़ के पास भगवान शिव की पिंडी अपने आप प्रकट हो गई थी. उस जमाने में सिंधिया राजपरिवार की शाही सवारी महल से निकलती थी, जो बीच सड़क पर बरगद के पेड़ से होती हुई गोरखी देवालय तक जाती थी. लेकिन, सिंधिया महाराजा ने जब इस बरगद और शिवलिंग को हटाने की कोशिश की तो उनके पसीने छूट गए थे. बाद में उन्हें सपने में आया कि यहां से शिवलिंग नहीं हटाया जाए, जिसके बाद से सिंधिया शासकों ने इसे अचलेश्वर धाम का नाम दे दिया था.

ग्वालियर। महाशिवरात्रि पर्व के लिए शिवालयों को सजाया जा रहा है. शहर के बीचोंबीच बने अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस बार 2 दिन की शिवरात्रि होने की वजह से 48 घंटों तक मंदिर में भक्तों का हुजूम लगा रहेगा. मान्यता है कि इस मंदिर को शिफ्ट करने की कोशिश में सिंधिया शासकों के पसीने छूट गए थे.

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रात बारह बजे से ही मंदिर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. सुबह 4 बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा. शहर के बीचो-बीच होने की वजह से इंदरगंज कटोरा ताल रोड और महल रोड का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. महिलाओं के लिए दर्शन की अलग से व्यवस्था की गई है. मंदिर को करीब साढ़े तीन सौ क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है. 500 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी अचलेश्वर मंदिर की सुरक्षा और भक्तों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. अनुमान है कि इन दो दिनों में करीब तीन लाख लोग भगवान शिव के दर्शन करेंगे.

पंडित

इस मंदिर से एक मिथक जुड़ा हुआ है. कहते हैं कि यहां बरगद के पेड़ के पास भगवान शिव की पिंडी अपने आप प्रकट हो गई थी. उस जमाने में सिंधिया राजपरिवार की शाही सवारी महल से निकलती थी, जो बीच सड़क पर बरगद के पेड़ से होती हुई गोरखी देवालय तक जाती थी. लेकिन, सिंधिया महाराजा ने जब इस बरगद और शिवलिंग को हटाने की कोशिश की तो उनके पसीने छूट गए थे. बाद में उन्हें सपने में आया कि यहां से शिवलिंग नहीं हटाया जाए, जिसके बाद से सिंधिया शासकों ने इसे अचलेश्वर धाम का नाम दे दिया था.

Intro:ग्वालियर
शहर में शिव और शक्ति की उपासना का प्रतीक महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाने का काम चल रहा है। शहर के बीचोबीच अचलेश्वर महादेव मंदिर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस बार शिवरात्रि 2 दिन होने की वजह से 48 घंटे भक्तों का हुजूम यहां रहेगा। अचलेश्वर मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर को शिफ्ट करने की कोशिश में सिंधिया शासकों के भी पसीने छूट गए थे


Body:रियासत कालीन श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान शिव की पिंडी अपने आप बरगद के पेड़ के समीप प्रकट हुई थी। उस जमाने में सिंधिया राजपरिवार की शाही सवारी महल से निकलती थी जो बीच सड़क पर बरगद के पेड़ से होती हुई गोरखी देवालय तक जाती थी ।लेकिन सिंधिया महाराजा ने जब इस बरगद और शिवलिंग को हटाने की कोशिश की तो उन्हें नाकामयाबी मिली। बाद में उन्हें स्वप्न में आया कि यहां से शिवलिंग नहीं हटाया जाए। इसी के बाद इस शिवलिंग को अचलेश्वर धाम का नाम सिंधिया शासकों ने दिया था। रात बारह बजे से ही यहां धार्मिक पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। सुबह 4 बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा। क्योंकि यह मंदिर शहर के बीचो-बीच स्थित है। इसलिए इंदरगंज कटोरा ताल रोड और महल रोड का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। महिलाओं के लिए दर्शन की अलग से व्यवस्था की गई है।


Conclusion:खास बात यह है कि 4 मार्च शाम को लगभग 4:30 बजे चतुर्दशी आएगी जो 5 मार्च को शाम 7:00 बजे तक रहेगी। इसलिए सर्वार्थ सिद्धि योग नक्षत्र योग और जगत कुंडली गजकेसरी योग में भगवान शिव की आराधना करने का विशेष महत्व है। करीब साढे तीन सौ क्विंटल फूलों से अचलेश्वर धाम को सजाया जा रहा है। 500 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी अचलेश्वर मंदिर की सुरक्षा और भक्तों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। अनुमान है कि करीब तीन लाख लोग इन 2 दिनों में भगवान शिव के दर्शन करेंगे। बाइट सृष्टि शिवहरे सचिव अचलेश्वर न्यास
बाइट सोने राम कुशवाह पुजारी अचलेश्वर धाम
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