ग्वालियर। विधानसभा चुनाव 2023 की मतगणना 3 दिसंबर को होने जा रही है. जिसको लेकर तैयारी अंतिम दौर में चल रही है. खुद मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन जगह-जगह तैयारी का जायजा लेने पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में अनुपम राजन ग्वालियर के एमएलबी कॉलेज स्थित स्ट्रांग रूम पहुंचे. अनुपम राजन ने स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही स्ट्रांग रूम के बाहर बैठे राजनीतिक दलों से व्यवस्थाओं की संतुष्टि को लेकर बातचीत की. इसके अलावा स्ट्रांग रूम से EVM को मतगणना कक्ष तक लाने की व्यवस्था का भी जायजा उन्होंने लिया.
इस दौरान उनके साथ संभागीय कमिश्नर, एडीजी, कलेक्टर और एसपी सहित निर्वाचन ड्यूटी से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. उन्होंने मतगणना की तैयारीयो से जुड़े कुछ आवश्यक निर्देश भी अधिकारियों को दिए.
6 विधानसभा के लिए 12 कमरे तैयार: अनुपम राजन ने मीडिया से बातचीत करते हुए तैयारियों को लेकर कहा कि 'सुरक्षा के लिहाज से स्क्रीन लगी हुई है. चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है. जिले की 6 विधानसभाओं के लिए 12 कमरे तैयार किए गए हैं. इस लिहाज से हर विधानसभा के लिए दो कमरे रहेंगे, जिनमे मतगणना होगी. संख्या के हिसाब से 14 से लेकर 21 तक टेबल बढ़ाई गई है. जहां-जहां पोस्टल बैलेट ज्यादा है, वहां पर उसके लिए टेबल भी बढ़ाई गई है. इसका फायदा यह हो भी होगा कि इसका परिणाम भी जल्द से जल्द मिलेगा.
पूरी है 3 दिसंबर की तैयारी: काउंटिंग में जो लोग हैं, उनकी ट्रेनिंग भी पूरी कर दी गई है. 3 तारीख के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं, सभी जरूरी निर्देश यूं तो सभी जिम्मेदार अधिकारियों को मध्य प्रदेश में दे दिए गए हैं, लेकिन 30 तारीख को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बार फिर चर्चा की जाएगी और मध्य प्रदेश में मतगणना की तैयारियों को लेकर समीक्षा होगी.'
बालाघाट मामले में हुईं कुछ गलतियां: बालाघाट की घटना को लेकर अनुपम राजन ने कहा कि 'बालाघाट की घटना मामले में स्ट्रांग रूम को खोलकर वहां पर जो पोस्टल मतपत्र थे, उनकी छंटनी की गई थी. उन्हें विधानसभा वार जमाया गया था, यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई थी. यह सारे तथ्य रिकॉर्डेड है, लेकिन हां यह बात भी सच है की इस दौरान ARO द्वारा कुछ प्रक्रियात्मक गलतियां की गई. जिनमें समय से पहले स्ट्रांग रूम खोलना, सूचना देने में देरी, यही वजह है कि इसके आधार पर कार्रवाई भी की गई है. पोस्टल मतपत्र पूरी तरह सुरक्षित है. किसी को खोला नहीं गया है, किसी की गिनती नहीं हुई है, सिर्फ विधानसभा वार जमाया गया है. फिर उन्हें सभी की उपस्थिति में अलग-अलग बैग में रखकर सील कर दिया गया है, तो ये बात साफ है कि मत पत्रों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.