ग्वालियर। मध्यप्रदेश में बीजेपी की पूर्व सरकार में गरीबों के लिए शुरू की गई संबल योजना में घोटाले का खुलासा हुआ है. श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के मुताबिक योजना का लाभ गरीबों के बजाय आयकरदाताओं, व्यापारियों और बीजेपी से जुड़े लोग ले रहे थे. श्रम विभाग की जांच में 6 हजार 816 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है. श्रम मंत्री ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
संबल योजना का लाभ अपात्रों को दिया गया
महेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि शिवराज सरकार की संबल योजना में 71 लाख लाभार्थियों के अपात्र होने के बावजूद संबल योजना के तहत 6 हजार 816 करोड़ रुपए बांट दिए गए. शिवराज सरकार ने चुनाव से ठीक पहले ये योजना लागू की थी और लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस योजना की शुरूआत की थी, लेकिन अब इन परिवारों के अपात्र होने का खुलासा हुआ है. उनका कहना है कि हर जिले से जानकारी ली जा रही है, ताकि अपात्र पाए जाने पर सभी पर कार्रवाई की जा सके.
विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी योजना
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले संबल योजना को लागू किया था. इस योजना के तहत पंजीयन श्रमिकों को तय मापदंड के अनुसार गरीबी की श्रेणी में आने वाले श्रमिकों को बिजली बिल में राहत और अन्य सुविधाएं प्रदान की जानी थी.