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नागपुर की कंपनी माइक्रोप्रो से जीवाजी विश्वविद्यालय ने नौ महीने के भीतर ही खत्म किया अनुबंध

कंपनी माइक्रोप्रो ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से नौ महीने के अंदर ही अनुबंध खत्म कर दिया है. इस पर सोमवार को कार्यपरिषद की बैठक में अंतिम रूप से मुहर लगाई गई.

कंपनी माइक्रोप्रो से जीवाजी विश्वविद्यालय ने खत्म किया अनुबंध
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Published : Sep 10, 2019, 5:02 AM IST

ग्वालियर। नागपुर की कंपनी माइक्रोप्रो ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से नौ महीने के अंदर ही अनुबंध खत्म कर दिया है. इस पर सोमवार को कार्यपरिषद की बैठक में अंतिम रूप से मुहर लगाई गई. विश्वविद्यालय ने तय किया है कि परीक्षा संबंधी काम के लिए अब नई कंपनी से अनुबंध किया जाएगा, तब तक पुरानी कंपनी से रुके हुए रिजल्ट और मार्कशीट तैयार करवाई जाएंगी.

कंपनी माइक्रोप्रो से जीवाजी विश्वविद्यालय ने खत्म किया अनुबंध

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने पिछले साल दिसंबर में नागपुर की कंपनी माइक्रोप्रो को विश्वविद्यालय के परीक्षा संबंधी कार्य का ठेका दिया था, लेकिन पिछले नौ महीने में ही नई कंपनी शर्तों के अनुरूप काम नहीं कर सकी. छात्रों की मार्कशीट और रिजल्ट तैयार करने में एक के बाद एक गलतियों से विश्वविद्यालय की छवि पर असर पड़ा रहा था. वहीं इन गड़बड़ियों के चलते छात्र आंदोलन लगातार होते रहे. इस कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर इस एक ही बिंदु पर चर्चा कराई जिसमें सर्वसम्मति से तय किया गया कि नागपुर कंपनी का अनुबंध खत्म किया जाए.

नई कंपनी आने तक रुके हुए रिजल्ट और मार्कशीट तैयार कराने की जिम्मेवारी पुरानी कंपनी यानी नागपुर की माइक्रोप्रो को निर्देश देकर तैयार कराए जाएं, ताकि छात्रों को परेशानी ना हो. माइक्रोप्रो की गतिविधियां शुरू से ही विवादों में घिरी रही, जिसके चलते विभिन्न छात्र संगठनों ने पिछले नौ महीनों में दर्जनभर से ज्यादा बार कई बड़े प्रदर्शन विश्वविद्यालय पर किए.

ग्वालियर। नागपुर की कंपनी माइक्रोप्रो ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से नौ महीने के अंदर ही अनुबंध खत्म कर दिया है. इस पर सोमवार को कार्यपरिषद की बैठक में अंतिम रूप से मुहर लगाई गई. विश्वविद्यालय ने तय किया है कि परीक्षा संबंधी काम के लिए अब नई कंपनी से अनुबंध किया जाएगा, तब तक पुरानी कंपनी से रुके हुए रिजल्ट और मार्कशीट तैयार करवाई जाएंगी.

कंपनी माइक्रोप्रो से जीवाजी विश्वविद्यालय ने खत्म किया अनुबंध

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने पिछले साल दिसंबर में नागपुर की कंपनी माइक्रोप्रो को विश्वविद्यालय के परीक्षा संबंधी कार्य का ठेका दिया था, लेकिन पिछले नौ महीने में ही नई कंपनी शर्तों के अनुरूप काम नहीं कर सकी. छात्रों की मार्कशीट और रिजल्ट तैयार करने में एक के बाद एक गलतियों से विश्वविद्यालय की छवि पर असर पड़ा रहा था. वहीं इन गड़बड़ियों के चलते छात्र आंदोलन लगातार होते रहे. इस कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर इस एक ही बिंदु पर चर्चा कराई जिसमें सर्वसम्मति से तय किया गया कि नागपुर कंपनी का अनुबंध खत्म किया जाए.

नई कंपनी आने तक रुके हुए रिजल्ट और मार्कशीट तैयार कराने की जिम्मेवारी पुरानी कंपनी यानी नागपुर की माइक्रोप्रो को निर्देश देकर तैयार कराए जाएं, ताकि छात्रों को परेशानी ना हो. माइक्रोप्रो की गतिविधियां शुरू से ही विवादों में घिरी रही, जिसके चलते विभिन्न छात्र संगठनों ने पिछले नौ महीनों में दर्जनभर से ज्यादा बार कई बड़े प्रदर्शन विश्वविद्यालय पर किए.

Intro:ग्वालियर
आखिरकार नागपुर की कंपनी माइक्रोप्रो का ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने नौ महीने के भीतर ही अनुबंध खत्म कर दिया है इस पर सोमवार को कार्यपरिषद की बैठक में अंतिम रूप से मुहर लगाई गई ।विश्वविद्यालय ने तय किया है कि परीक्षा संबंधी काम के लिए अब नई कंपनी से अनुबंध किया जाए तब तक पुरानी कंपनी से रुके हुए रिजल्ट और मार्कशीट तैयार करवाई जाएं।


Body:दरअसल ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने पिछले साल दिसंबर में ही नागपुर की कंपनी माइक्रो प्रो को विश्वविद्यालय के परीक्षा संबंधी कार्य का ठेका दिया था लेकिन पिछले 9 महीने में ही नई कंपनी शर्तों के अनुरूप काम नहीं कर सकी छात्रों की मार्कशीट और रिजल्ट तैयार करने में एक के बाद एक गलतियों से यहां विश्वविद्यालय की छवि पर असर पड़ा वहीं छात्र आंदोलन लगातार होते रहे इस कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सोमवार को अचानक कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर इस एक ही बिंदु पर चर्चा कराई जिसमें सर्वसम्मति से तय किया गया कि नागपुर कंपनी का अनुबंध खत्म किया जाए नई कंपनी परीक्षा संबंधी कार्य को दिया जाए।


Conclusion:लेकिन नई कंपनी आने तक रुके हुए रिजल्ट और मार्कशीट तैयार कराने की जिम्मेवारी पुरानी कंपनी यानी नागपुर की माइक्रोप्रो को निर्देश देकर तैयार कराए जाएं ताकि छात्रों को परेशानी नहीं हो । माइक्रो प्रो की गतिविधियां शुरू से ही विवादों में घिरी रही यही कारण है कि विभिन्न छात्र संगठनों ने पिछले 9 महीने में दर्जनभर से ज्यादा बार बड़े प्रदर्शन विश्वविद्यालय पर किए। क्योंकि छात्रों की मार्कशीट और उनके रिजल्ट में लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही थी। बाइट शांति देव सिसोदिया प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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