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स्कूल को मर्ज करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया निर्देश, एक महीने में कलेक्टर करें मामले का निपटारा

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Published : Aug 18, 2020, 12:35 AM IST

2 किलोमीटर दूर हाई सेकेंडरी स्कूल को लड़कियों के स्कूल में किया मर्ज करने के मामले पर पीआईएल, हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कलेक्टर को आदेश जारी करते हुए कहा है कि 1 महीने के भीतर इस अभ्यावेदन का निराकरण करें.

Gwalior Bench of High Court
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ

ग्वालियर। मुरैना जिले के सबलगढ़ में स्थित गर्ल्स मिडिल स्कूल में दो किलोमीटर दूर शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक स्कूल और शासकीय कन्या माध्यमिक स्कूल को एक मर्ज कर दिया गया था. जिसे नियम के विरूद्ध बताते हुए एक छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. जिसमें हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मुरैना जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि वे एक शाला एक परिसर नियम के तहत स्कूलों को एकीकृत करें, साथ ही कहा है कि अगर ये संविलियन नियम के विरुद्ध हुआ है, तो उसे निरस्त करें.

दरअसल सबलगढ़ में शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में छात्रों के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को एक शाला एक परिसर के तहत पिछले साल एकीकृत कर दिया था. इसके विरुद्ध एक छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि एक शाला एक परिसर का नियम तभी एकीकृत व्यवस्था पर लागू होगा जब वे एक ही परिसर में चल रहे हो, लेकिन कन्या माध्यमिक विद्यालय और शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लगभग दो किलोमीटर की दूरी है. इसलिए उनका एकीकरण नियम विरुद्ध है.

इसके अलावा छात्र, लड़कियों को आए दिन परेशान करते हैं और अश्लील फब्तियां कसते हैं. अश्लीलता भरे वाक्य भी स्कूल परिसर में लिखे जाते है, जिससे कई छात्राओं ने स्कूल से अपना एडमिशन हटा लिया है. पहले जहां छात्राओं की संख्या 600 थी, वो अब घटकर सिर्फ 162 रह गई है. हाईकोर्ट ने 1 महीने के भीतर इस अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं.

ग्वालियर। मुरैना जिले के सबलगढ़ में स्थित गर्ल्स मिडिल स्कूल में दो किलोमीटर दूर शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक स्कूल और शासकीय कन्या माध्यमिक स्कूल को एक मर्ज कर दिया गया था. जिसे नियम के विरूद्ध बताते हुए एक छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. जिसमें हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मुरैना जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि वे एक शाला एक परिसर नियम के तहत स्कूलों को एकीकृत करें, साथ ही कहा है कि अगर ये संविलियन नियम के विरुद्ध हुआ है, तो उसे निरस्त करें.

दरअसल सबलगढ़ में शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में छात्रों के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को एक शाला एक परिसर के तहत पिछले साल एकीकृत कर दिया था. इसके विरुद्ध एक छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि एक शाला एक परिसर का नियम तभी एकीकृत व्यवस्था पर लागू होगा जब वे एक ही परिसर में चल रहे हो, लेकिन कन्या माध्यमिक विद्यालय और शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लगभग दो किलोमीटर की दूरी है. इसलिए उनका एकीकरण नियम विरुद्ध है.

इसके अलावा छात्र, लड़कियों को आए दिन परेशान करते हैं और अश्लील फब्तियां कसते हैं. अश्लीलता भरे वाक्य भी स्कूल परिसर में लिखे जाते है, जिससे कई छात्राओं ने स्कूल से अपना एडमिशन हटा लिया है. पहले जहां छात्राओं की संख्या 600 थी, वो अब घटकर सिर्फ 162 रह गई है. हाईकोर्ट ने 1 महीने के भीतर इस अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं.

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