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ममता सरकार के पूर्व मंत्री को PMLA कोर्ट से मिली जमानत, राशन घोटाला में ED ने किया था गिरफ्तार - JYOTIPRIYA MALLICK GETS BAIL

पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को कथित राशन वितरण घोटाला मामले में पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिल गयी.

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ज्योतिप्रिय मलिक. (File Photo) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 15, 2025, 6:46 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को कथित राशन वितरण घोटाला मामले में जमानत मिल गई है. ईडी ने उन्हें 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. बैंकशाल कोर्ट परिसर में पीएमएलए कोर्ट ने मलिक को 25-25 हजार रुपये के दो बॉन्ड और 50 लाख रुपये का निजी बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया है. पूर्व मंत्री के वकील ने कहा कि चूंकि उनके खिलाफ कोई अन्य मामला नहीं है, इसलिए 16 जनवरी को जेल से रिहा हो जाएंगे.

ईडी पर उठाये थे सवालः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कथित राशन वितरण घोटाला मामले की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. ईडी से मलिक से कथित पत्र के बारे में भी पूछताछ की थी. जज प्रशांत मुखर्जी ने ईडी से कहा, "महत्वपूर्ण जानकारी वाला पत्र जब्त क्यों नहीं किया गया? यह पत्र कहां से आया?" उन्होंने आगे कहा, "आप राशन भ्रष्टाचार की बात कर रहे थे, लेकिन क्या कोई भूख से मरा? किसी ने शिकायत नहीं की. आप चोरी की जांच कर रहे थे, लेकिन आपको राशन भ्रष्टाचार कैसे मिला?"

सुपरमैन नहीं है हमः कोर्ट ने यह भी कहा कि छह एफआईआर में यह नहीं बताया गया है कि भ्रष्टाचार हुआ है. जज ने कहा, ''आपको मेल सर्च करके दस्तावेज मिले हैं, अगर राशन वितरण प्रणाली में कोई रैकेट चल रहा है तो आपको इसे साबित करना होगा.'' जवाब में ईडी के वकील ने कहा, ''पूरे मामले की जांच की जा रही है. हम कोई सुपरमैन नहीं हैं. उम्मीद के मुताबिक जांच में तेजी नहीं ला पाए हैं.''

हेल्थ ग्राउंड पर मांगी थी जमानतः मलिक की गिरफ्तारी के बाद साल्ट लेक स्थित उनके आवास पर तलाशी ली गई. इससे पहले उत्तर 24 परगना के एक व्यवसायी बकीबुर रहमान को एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने कई प्रभावशाली लोगों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन किया है, जिनमें तत्कालीन मंत्री मलिक भी शामिल थे. मलिक ने अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कई बार जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

कोर्ट ने लगायी शर्तः अदालत ने मलिक को जमानत तो दे दी है, लेकिन कुछ शर्तें भी लगाई हैं. कहा गया है कि उन्हें ईडी की जांच में सहयोग करना होगा और राज्य छोड़ने से पहले संबंधित एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन को सूचित करना होगा. साथ ही संबंधित अधिकारियों को अपना पासपोर्ट भी जमा कराना होगा. राशन घोटाले के अन्य आरोपियों बकीबुर रहमान और शंकर आध्या को पहले ही जमानत मिल चुकी है.

इसे भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल: राशन घोटाला केस में गिरफ्तार किए गए मंत्री मलिक का स्वास्थ्य और बिगड़ा

इसे भी पढ़ेंः ED Raid On WB Minister: राशन घोटाला केस में प.बंगाल के मंत्री के आवास पर ईडी की छापेमारी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को कथित राशन वितरण घोटाला मामले में जमानत मिल गई है. ईडी ने उन्हें 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. बैंकशाल कोर्ट परिसर में पीएमएलए कोर्ट ने मलिक को 25-25 हजार रुपये के दो बॉन्ड और 50 लाख रुपये का निजी बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया है. पूर्व मंत्री के वकील ने कहा कि चूंकि उनके खिलाफ कोई अन्य मामला नहीं है, इसलिए 16 जनवरी को जेल से रिहा हो जाएंगे.

ईडी पर उठाये थे सवालः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कथित राशन वितरण घोटाला मामले की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. ईडी से मलिक से कथित पत्र के बारे में भी पूछताछ की थी. जज प्रशांत मुखर्जी ने ईडी से कहा, "महत्वपूर्ण जानकारी वाला पत्र जब्त क्यों नहीं किया गया? यह पत्र कहां से आया?" उन्होंने आगे कहा, "आप राशन भ्रष्टाचार की बात कर रहे थे, लेकिन क्या कोई भूख से मरा? किसी ने शिकायत नहीं की. आप चोरी की जांच कर रहे थे, लेकिन आपको राशन भ्रष्टाचार कैसे मिला?"

सुपरमैन नहीं है हमः कोर्ट ने यह भी कहा कि छह एफआईआर में यह नहीं बताया गया है कि भ्रष्टाचार हुआ है. जज ने कहा, ''आपको मेल सर्च करके दस्तावेज मिले हैं, अगर राशन वितरण प्रणाली में कोई रैकेट चल रहा है तो आपको इसे साबित करना होगा.'' जवाब में ईडी के वकील ने कहा, ''पूरे मामले की जांच की जा रही है. हम कोई सुपरमैन नहीं हैं. उम्मीद के मुताबिक जांच में तेजी नहीं ला पाए हैं.''

हेल्थ ग्राउंड पर मांगी थी जमानतः मलिक की गिरफ्तारी के बाद साल्ट लेक स्थित उनके आवास पर तलाशी ली गई. इससे पहले उत्तर 24 परगना के एक व्यवसायी बकीबुर रहमान को एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने कई प्रभावशाली लोगों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन किया है, जिनमें तत्कालीन मंत्री मलिक भी शामिल थे. मलिक ने अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कई बार जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

कोर्ट ने लगायी शर्तः अदालत ने मलिक को जमानत तो दे दी है, लेकिन कुछ शर्तें भी लगाई हैं. कहा गया है कि उन्हें ईडी की जांच में सहयोग करना होगा और राज्य छोड़ने से पहले संबंधित एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन को सूचित करना होगा. साथ ही संबंधित अधिकारियों को अपना पासपोर्ट भी जमा कराना होगा. राशन घोटाले के अन्य आरोपियों बकीबुर रहमान और शंकर आध्या को पहले ही जमानत मिल चुकी है.

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