ग्वालियर। नकली एमबीबीएस की डिग्री लेकर महाराष्ट्र के मालेगांव में नौकरी कर रही एक युवती और उसके साथी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह युवती डॉक्टर प्रतीक्षा शर्मा के रूप में मालेगाव नगर निगम में आरएमओ की नौकरी कर रही थी जबकि असल डॉ प्रतीक्षा शर्मा एक भाजपा नेता और पार्षद सतीश बोहरे की भांजी है और दिल्ली में इन दिनों पीजी कर रही हैं. मालेगांव में नौकरी कर रही युवती अपने एक साथी मोहम्मद शफीक के साथ ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर प्रतीक्षा शर्मा की डुप्लीकेट डिग्री लेने के लिए पहुंची थी. उसने कहा था कि उसकी डिग्री खो गई है.
फर्जी तरीके से डुप्लीकेट डिग्री लेने आई युवती: गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर प्रतीक्षा शर्मा 2018 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर चुकी हैं. जबकि डिग्री लेने पहुंची युवती ने बताया कि उसकी डिग्री खो गई है और उसे डुप्लीकेट डिग्री दी जाए. मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को युवती और उसके साथी की बातों में कुछ गड़बड़ी लगी तो उन्होंने पार्षद सतीश बोहरे को इस घटना की जानकारी दी कि उनकी भांजी के नाम से डुप्लीकेट दस्तावेज हासिल करने का आवेदन आया है. जब इस बात का पता पार्षद को चला तो उन्होंने तत्काल झांसी रोड थाने पहुंचकर इसकी शिकायत की. पुलिस ने देरी नहीं करते हुए विराट इन होटल में ठहरे युवक युवती को गिरफ्तार कर लिया, उनसे पूछताछ की जा रही है. युवती अपना नाम अभी भी डॉक्टर प्रतीक्षा शर्मा बता रही है और आरएमओ के पद पर मालेगांव नगर निगम पदस्थ होना बता रही है.
MBBS की सभी नकली मार्कशीट मौजूद: जानकारी के अनुसार इस युवती के पास डॉक्टर प्रतीक्षा शर्मा की एमबीबीएस की सभी मार्कशीट और अन्य दस्तावेज मौजूद हैं. पुलिस को आशंका है कि डुप्लीकेट कागजात हासिल करने में युवती को मेडिकल कॉलेज और जीवाजी विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों का भी सहयोग रहा होगा. इसलिए पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड पर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के बाद इस मामले में कई अन्य चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
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फर्जी डिग्री की डॉक्टर एक डॉक्टर की डिग्री पर अन्य व्यक्ति डुप्लीकेट डॉक्टर बनकर किस तरह से मरीज के जीवन से खिलवाड़ कर रहा होगा यह आसानी से समझा जा सकता है. पूर्व में व्यापम घोटाले के कारण पहले ही गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की काफी बदनामी हो चुकी है जब सैकड़ों छात्रों को फर्जी तरीके से पीएमटी की परीक्षा में पास कराया गया था. बाद में यह मामला सीबीआई के सुपुर्द हो गया. कई लोग अब एमबीबीएस के कोर्स से बर्खास्त किए जा चुके हैं जबकि कई छात्रों को सजा सुनाई जा चुकी है.