भोपाल: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सौरभ शर्मा मामले में लगाए गए आरोपों को लेकर दिग्विजय सिंह को 10 करोड़ का मानहानी का नोटिस भेजा गया है. यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय श्रीवास्तव द्वारा भेजा गया है. संजय श्रीवास्तव ने नोटिस में कहा कि दिग्विजय सिंह ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने पत्रकार वार्ता कर सौरभ शर्मा मामले में संजय श्रीवास्तव सहित 3 लोगों के नाम लेते हुए इसके तार मंत्री गोविंद सिंह राजपूत तक से जुड़े होना बताए थे.
झूठे आरोप लगाने का किया दावा
संजय श्रीवास्तव ने अपने नोटिस में कहा कि "सागर के कांग्रेस नेता राजकुमार धनौरा के खिलाफ एक केस वे लड़ रहे हैं और इसी वजह से उनका नाम सौरभ शर्मा मामले में घसीटा गया है. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय को जो पत्र लिखा है, उसमें गलत जानकारी दी है. इसमें उनके नाम को लेकर गलत जानकारी दी गई है और इसलिए दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानी का नोटिस भेजा गया है. दिग्विजय सिंह ने झूठे आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है. उनके पेशेवर संबंध सिर्फ गोविंद सिंह राजपूत से हैं.
वे वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. दिग्विजय सिंह को अपने बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए. यदि 30 दिन में उन्होंने माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के साथ राज्यसभा में भी दिग्विजय के खिलाफ शिकायत की जाएगी.
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दिग्विजय सिंह ने लगाए थे ये आरोप
दिग्विजय सिंह ने 24 दिसंबर को भोपाल स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया था कि सौरभ शर्मा को सागर निवासी परिवहन मंत्र का सीधा संरक्षण प्राप्त था. वह मंत्री के परिवार के सदस्य की तरह बंगले पर बैठता था. वहां वकील साहब के नाम से मशहूर संजय श्रीवास्तव के साथ बैठकर परिवहन विभाग के करोड़ों रुपए का लेनदेन का हिसाब किताब रखता था. इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने आरटीआई संजय श्रीवास्तव, वीरेश और पूर्व आरटीआई दशरथ सिंह पटेल का नाम भी आरटीओ से वसूली के खेल में लिया था. दिग्विजय सिंह ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखा था.