भोपाल: मध्य प्रदेश में अब कर्मचारी-अधिकारियों के तबादले हो सकेंगे. राज्य सरकार ने प्रदेश स्तर पर कर्मचारी-अधिकारियों के तबादलों को लेकर नीति में संशोधन कर इसे जारी कर दिया है. अब तबादलों पर प्रतिबंध के दौरान विशेष परिस्थितियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद किए जा सकेंगे. महेश्वर में 24 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया गया था. इसके पांच दिन बाद अब इसके आदेश जारी कर दिए हैं.
इस आधार पर हो सकेंगे तबादले
- राज्य सरकार ने 24 जून 2021 को राज्य और जिला स्तर पर स्थानांतरण के लिए नीति जारी की थी. अब इसमें संशोधन किया गया है. इसमें प्रावधान किया गया है कि तबादलों पर प्रतिबंध की अवधि में विभागीय मंत्री के अनुमोदन के आधार पर तबादलें होंगे, लेकिन यह तबादले विशेष परिस्थितियों में हो सकेंगे.
- कर्मचारी अधिकार यदि किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, लकवा, हार्ट अटैक जैसे किसी बीमारी से पैदा हुई विपरीत परिस्थति को देखते हुए तबादला किया जा सकेगा.
- यदि किसी सरकारी कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ कोई गंभीर शिकायत या फिर कोई अनियमितता पाई जाती है और सिविल सेवा आचरण नियम के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई शुरू की जा चुकी है, तो संबंधित का तबादला किया जा सकेगा.
- यदि लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू या फिर पुलिस द्वारा संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के बाद यदि जांच प्रभावित हो तो मंत्री की अनुशंसा से तबादला किया जा सकेगा.
पद खाली होने के आधार पर नहीं होगा तबादला
नई संशोधित तबादला नीति में प्रावधान किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी-अधिकारी के किसी दूसरे स्थान पर तबादला किए जाने के बाद पद खाली हो गया है, तो फिर इस आधार पर किसी दूसरे का तबादला नहीं किया जाएगा कि वह खाली पद को भरा जाना है. तबादला करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि तबादले के बाद खाली पद से ज्यादा संख्या में कर्मचारी न हो जाएं.
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गौरतलब है कि 24 फरवरी को महेश्वर में हुई मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति में संशोधन को लेकर फैसला लिया गया था, हालांकि इसके आदेश 5 दिन बाद जारी हुए हैं. सरकार के मंत्री लंबे समय से तबादलों के अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे थे.