शहडोल: सनातन धर्म में माघ का महीना त्योहारों का महीना माना जाता है, क्योंकि इसमें बसंत पंचमी, सकट चौथ, षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या जैसे कई बड़े त्योहार पड़ते हैं. लेकिन इस बार बसंत पंचमी की सही तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोग 2 फरवरी को बसंत पंचमी मान रहे हैं तो कई लोग 3 फरवरी को. ऐसे में जानते हैं कि बसंत पंचमी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त को लेकर ज्योतिषाचार्य का क्या कहना है.
बंसन्त पंचमी कब?
मां सरस्वती को समर्पित बसंत पंचमी के त्योहार की सही तिथि के कंफ्यूजन को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "बसंत पंचमी माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इसी दिन भगवान भोलेनाथ की लग्न पत्रिका भी लिखी गई थी.
इस साल बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त 2 फरवरी को सुबह 11:52 बजे से शुरू होगा और 3 फरवरी को सुबह 9:16 तक रहेगा. वैसे तो बसंत पंचमी की शुरुआत 2 तारीख को ही हो रही है. लेकिन उदया तिथि का मुहूर्त बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है और यह मुहूर्त 3 तारीख को पड़ रहा है. इसलिए बसंत पंचमी 3 फरवरी को ही मनाई जाएगी."
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बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा विधि
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "बसंत पंचमी को मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने से माता जल्दी प्रसन्न होती हैं. बसंत पंचमी के दिन सुबह-सबेरे स्नान करें, पीले वस्त्र धारण करें, मां सरस्वती के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. पूजा स्थल को पीले वस्त्र और फूलों से सजाएं. माता सरस्वती को पीला फूल और पीले वस्त्र अर्पित करें. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है. इसलिए विद्यार्थियों के ज्ञान और बुद्धि के लिए मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए."