राजगढ़: जिले के ब्यावरा डिवीजन के अंतर्गत आने वाले कुशलपुरा डैम के कैचमेंट एरिया में ग्रामीण पानी न मिलने से परेशान हैं. रलायती और राजपुरा गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर के पास पहुंचकर उनकी नहरों में पानी और फसलों के सूखने की शिकायत कलेक्टर से की थी. गुरुवार को ईटीवी भारत की टीम रलायती गांव पहुंची. जहां मौजूदा स्थिति का जायजा लिया. जिसमें साफ नजर आ रहा है कि, ग्रामीणों की जमीनें खोदकर उनके खेतों में से बनाई गई नहर सूखी पड़ी है.
सूखने की कगार पर पहुंची फसलें
ग्रामीणों का आरोप है कि, ''उनसे वादा किया गया था कि, नहर निर्माण के बाद उन्हें कुशलपुरा डैम के माध्यम से 4 माह भरपूर पानी दिया जाएगा. लेकिन हकीकत में उन्हें केवल 40 दिन ही पानी दिया जा रहा है. जिससे उनकी रबी की फसल सूखने की कगार पर है. यह परेशानी उनके साथ आज या कल से नहीं है बल्कि पिछले 5 से दस वर्षों से ग्रामीण इस समस्या का सामना कर रहे हैं.''
ग्रामीणों ने की पानी दिए जाने की मांग
साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि, उन्होंने अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए जो राशि खर्च की है वह भी नहीं निकल पा रही है. किसान पूरी तरह से कर्ज में डूब रहा है. क्योंकि पानी मिले या न मिले इसका भुगतान तो उन्हें करना ही है.'' ग्रामीणों की मांग है कि, ''उन्हें जल्द से जल्द नहर में पानी उपलब्ध कराया जाए ताकि वह अपनी फसलों को सूखने से बचा सकें. चाहे उसके लिए उनके गांव में मोहनपुरा डैम से ही पानी की पाइप लाइन बिछाकर ही पानी उपलब्ध कराया जाए, लेकिन कराया जाए.''
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90 करोड़ की लागत का प्रस्ताव बनाया
ग्रामीणों को हो रही पानी की समस्या के मामले में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री जेके ठाकुर का कहना है कि, ''इन ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने के लिए जो व्यवस्था की गई थी वो इनके लिए अब नकाफी साबित हो रही हैं. इन्हें पानी उपलब्ध कराने के लिए मेरे द्वारा 90 करोड़ रुपए की लागत का एक प्रपोजल बनाया गया है. जिसमें मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की तर्ज पर प्रेशर्ड अंडरग्राउंड पाइप्स के माध्यम से ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन अब ये शासन के हाथ में है कि वे इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दें या न दें. मैं अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा हूं.''