डिंडौरी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे डिंडौरी जिले को एक बार फिर नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शामिल किया है. जिले के तीन थाना करंजिया, बजाग और समनापुर को नक्सल प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है. एसपी संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि डिंडौरी जिले की सीमाएं मंडला, अनूपपुर जिले के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य से लगी हुई है. जिसके कारण करीब 125 किलोमीटर लंबे इलाके को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है. लिहाजा सुरक्षा और चौकसी बढ़ाने तीन नई पुलिस चौकियां खोली जानी हैं. जहां केंद्रीय पुलिस बल और हॉकफोर्स की तैनाती की जाएगी.
डिंडौरी जिले में शरण लेने आते है नक्सली
एसपी संजय सिंह ने बताया कि जब पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर फोर्स का दबाव बढ़ता है या नक्सली कोई वारदात को अंजाम देने के बाद डिंडौरी जिले के सीमावर्ती गांवों में शरण लेने पहुंचते हैं. वन विभाग और जिला प्रशासन की मदद से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों का समुचित विकास करने के लिए पुलिस विभाग एक्शन प्लान बना रहा है.
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पुलिस चलाएगी जागरुकता अभियान
एसपी संजय सिंह ने बताया कि तहत नक्साल प्रभावित इलाकों में निवासरत आदिवासी समुदाय के सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाएंगे. शिक्षा का स्तर सुधारने के भी प्रयास किए जाएंगे. साथ ही पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से लगे सीमावर्ती ग्रामों में पुलिस जागरूकता अभियान भी चलाएगी.
पहले से नक्सल प्रभावित है डिंडौरी जिला
गौरतलब है कि डिंडौरी पहले भी नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शामिल रहा है, लेकिन नक्सल गतिविधियां न के बराबर होने के चलते केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में डिंडौरी को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया था. खुफिया रिपोर्ट के आधार पर दोबारा नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में डिंडौरी का नाम दर्ज कर लिया है.