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प्रशासन ने नहीं उठाए ठोस कदम, भक्तों ने मंदिरों में जाकर भगवान को सौंपा मांग पत्र - मांग पत्र धार

नर्मदा में बने टापू के कटाव को लेकर कई बार शिकायतें करने के बावजूद जब प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए तो परेशान लोगों ने मंदिरों और नर्मदा नदी को मांग पत्र देकर समस्या के निराकरण की बात की है.

भगवान को मांग पत्र देते हुए
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Published : Jul 27, 2019, 11:29 PM IST

धार। कई बार प्रशासन से बेंट टापू के नर्मदा से हो रहे कटाव की शिकायत करने के बाद भी जब प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया तो परेशान होकर लोगों ने नर्मदा सहित शहर के मंदिरों में मांग पत्र दिया है. साथ ही मांग की है कि वे जिले के अधिकारियों को सदबुद्धि दें.

भगवान को दिया मांग पत्र

नर्मदा के बीचो-बीच बने बेंट टापू पर शिव मंदिर बना हुआ है. नर्मदा नदी की लहरों से इस टापू का कटाव हो रहा है. जिससे टापू का अस्तित्व खतरे में आ गया है. जिसके संरक्षण की मांग को लेकर कई बार शहरवासियों ने की बार शासन-प्रशासन को आवेदन दिये, लेकिन किसी ने कोई कदम नहीं उठाया. कई बार लोगों ने विरोध स्वरूप शहर भी बंद रखा. जिसके बाद शहर के लोगों ने परेशान होकर नर्मदा और शहर के मंदिरों में मांग पत्र दिया है.

शहरवासियों ने भगवान से मांग की है कि कई आवेदन-निवेदन करने के बादजूद जवाबदार अधिकारियों ओर राजनेताओं ने उन्होंने समस्या निराकरण नहीं किया. जिसके चलते वे मंदिरों में मांग पत्र सौंप रहे है और समस्या के जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की है.

धार। कई बार प्रशासन से बेंट टापू के नर्मदा से हो रहे कटाव की शिकायत करने के बाद भी जब प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया तो परेशान होकर लोगों ने नर्मदा सहित शहर के मंदिरों में मांग पत्र दिया है. साथ ही मांग की है कि वे जिले के अधिकारियों को सदबुद्धि दें.

भगवान को दिया मांग पत्र

नर्मदा के बीचो-बीच बने बेंट टापू पर शिव मंदिर बना हुआ है. नर्मदा नदी की लहरों से इस टापू का कटाव हो रहा है. जिससे टापू का अस्तित्व खतरे में आ गया है. जिसके संरक्षण की मांग को लेकर कई बार शहरवासियों ने की बार शासन-प्रशासन को आवेदन दिये, लेकिन किसी ने कोई कदम नहीं उठाया. कई बार लोगों ने विरोध स्वरूप शहर भी बंद रखा. जिसके बाद शहर के लोगों ने परेशान होकर नर्मदा और शहर के मंदिरों में मांग पत्र दिया है.

शहरवासियों ने भगवान से मांग की है कि कई आवेदन-निवेदन करने के बादजूद जवाबदार अधिकारियों ओर राजनेताओं ने उन्होंने समस्या निराकरण नहीं किया. जिसके चलते वे मंदिरों में मांग पत्र सौंप रहे है और समस्या के जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की है.

Intro:जवाबदारो ने नहीं उठाये ठोस कदम, तो भक्तो ने भगवानो को मंदिरों में जाकर मांग पत्र सौंपा,


Body:धर्मराज युधिष्ठिर की नगरी धरमपुरी में नर्मदा के बीचो-बीच बेंट नामक टापू पर भगवान श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर है, बेंट नामक टापू पर विश्व कल्याण के लिए महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियों का दान किया था लगातार नर्मदा की जलधारा से इस बेंट नामक टापू का कटाव हो रहा है जिसके चलते बेंट नामक टापू का अस्तित्व खतरे में आ गया है,बेंट टापू की संरक्षण की मांग को लेकर कई बार नगर वासियों ने शासन-प्रशासन से आवेदन-निवेदन किये पर शासन-प्रशासन ने कोई भी ठोस कदम नही उठाया, कई बार लोगों ने विरोध स्वरूप नगर बंद रखकर बेंट टापू के संरक्षण कि मांग करी, पर उसका भी असर जवाबदार अधिकारियों और राजनीतिक धुरंधरों पर नहीं हुआ, इसी के चलते अब धरमपुरी नगर के बाशिन्दों ने माँ नर्मदा के साथ नगर के सभी मंदिरों में भगवानों को मांग पत्र सोपा है ओर भगवान से मांग करी है कि हे भगवान हमने तो बेंट संरक्षण के लिए कई बार जवाबदार अधिकारियों ओर राजनेताओ से मांग करी आवेदन-निवेदन है पर वह कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं उन्होंने अभी तक बेंट संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है अतः आप ही इस मांग पत्र को स्वीकार करे ओर जवाबदार अधिकारियों ओर राजनेताओ को सद्बुद्धि दें,जिससे वह बेंट संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम उठाएं इसी के लिए आपको यह मांग पत्र सोपा है।


Conclusion:अब देखने वाली बात होगी कि नगर के बाशिंदों द्वारा जो भगवान को मांग पत्र भेंट किया गया है उसके बाद क्या जवाबदार अधिकारी और राजनेता कुंभकरण की नींद से जागते हैं और बेंट संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं या नही।,वही नगर वासियों का मानना है कि जब तक बेंट टापू संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता तब तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

बाइट-01-सचिन गुप्ता-स्थानीय नागरिक-धरमपुरी
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