दतिया। कोरोना काल में दतिया जिले के सेंवढ़ा रतनगढ़ माता मंदिर पर भाई दूज मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन माता मंदिर पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिसको देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां कर वहां पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
रतनगढ़ माता मंदिर में भाई दूज के दिन लगभग 15 से 20 लाख विभिन्न प्रदेशों और शहरों से यहां पर मन्नत उतारने आते हैं, लेकिन इस बार मेले पर प्रतिबंध के चलते इस संख्या में कमी रही है. रतनगढ़ माता मंदिर में भाई दूज पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर संजय कुमार ने प्रभारी और सहायक प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किए हैं. इस संबंध में जारी आदेश के मुताबिक जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अतेन्द्र सिंह गुर्जर को भाई दूज पर्व व्यवस्था के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है. अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सेंवढ़ा अनुराग निंगवाल, जिला पंचायत के सीईओ धनंजय मिश्रा और सीईओ जनपद पंचायत सेंवढ़ा को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो पूरी तरह से व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं.
कलेक्टर ने की सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा
रतनगढ़ माता मंदिर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी विभिन्न स्थान और सेक्टरों में लगाई गई है. सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अलावा मेडिकल सुविधा के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है. पेयजल आपूर्ति एवं दर्शनार्थियों के मूलभूत सुविधाओं के इंतजाम, सेंवढ़ा नगर पंचायत द्वारा किया गया है.
यह है मान्यता
मान्यता है कि, किसी भी जहरीले जीव जंतु के काटने पर रतनगढ़ माता व कुंवर बाबा के नाम पर उस स्थान पर पीड़ित व्यक्ति को बांध दिया जाता है, इससे जहर का असर नहीं होता है. दिवाली के दूसरे दिन भाई दूज पर ये श्रद्धालु पीड़ित को लेकर रतनगढ़ पहुंचते हैं. पहुंचते ही पीड़ित व्यक्ति को मेहर आने लगती है. कुछ देर बाद रतनगढ़ मंदिर पर जल छिड़कने से वो पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है.