दतिया। जिला प्रशासन द्वारा की गई आपदा प्रबंधन समिति की बैठक रखी रह गई और लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, कलेक्टर रोहित सिंह के विगत दिनों अपने अधीनस्थों के साथ आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक की थी, लेकिन इस बैठकों की पोल उस वक्त खुलती हुई तब नजर आई, जब एक दिन पहले तेज आंधी और बारिश ने जमकर कहर मचाया, लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त कर दी और जिले में तीन लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
कलेक्टर द्वारा रखी गई इस बैठक की सूचना किसी को नहीं दी गई, ये बैठक एक बंद कमरे में पूरी हो गई. सवाल ये उठता है कि, अगर यहीं आपदा प्रबंधन समिति की बैठक है, तो फिर लोगों का इन बैठकों से कोई सरोकार क्यों नहीं, जबकि इन बैठकों के माध्यम से प्रशासन जिलेभर में लोगों को आपदा को लेकर जनजागृति और समझाइश देकर आंधी तूफानों में बचाव के तरीके बता सकता था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.
दतिया में एक दिन पहले तेज आंधी बारिश ने बरपाया था कहर
जिले में अलग-अलग जगह पर तेज आंधी की वजह से तीन लोगों की पेड़ के नीचे दबने से मौत हो गई. आंधी के चलते हुई तीन लोगों की मौत से प्रशासन में हड़कम्प मच गया और कलेक्टर रोहित सिंह ने सभी एसडीएम को आदेश दिया कि, मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की राहत राशि स्वीकृत की जाए, जिसके बाद सभी एसडीएम ने प्रतिवेदन के आधार पर त्वरित कार्रवाई कर 4-4 लाख की राहत राशि के स्वीकृति आदेश जारी कर राहत राशि प्रदान कर दी.