दमोह। शांति के दूत माने जाने वाले दलाई लामा को 30 साल पहले मिले नोबेल शांति पुरस्कार की याद में दमोह जिला मुख्यालय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां तिब्बती शरणार्थियों के साथ दमोह के विधायक ने भी पहुंचकर शांतिदूत की शांति परंपरा में अपनी हिस्सेदारी करते हुए तिब्बतियों के साथ खुशियां मनाई.
30 साल पहले मिला था नोबल शांति पुरस्कार
बता दें कि शांति के दूत दलाई लामा को सन 1989 में विश्व का सर्वश्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार मिला था. दलाई लामा को मिले इस पुरस्कार के बाद तिब्बत के लोग इस दिन को खास मानते हैं. तिब्बत के लोगों का मानना है कि जिस लामा की धार्मिक परंपरा लामा की शांति का संदेश देने वाली प्रक्रिया विश्व को अच्छी लगती है. उस लामा को पुरस्कार मिलने का दिन उनके लिए सबसे खास है. यही कारण है कि अब तिब्बत के लोग बीते 30 सालों से नोबेल पुरस्कार मिलने की याद में दलाई लामा को याद करते हैं. साथ ही खुशियां भी मनाते हैं.
दमोह में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विधायक राहुल सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय टंडन के साथ समाजसेवी संतोष भारती ने भी मौके पर पहुंच कर इस खुशी में अपनी हिस्सेदारी दी.