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दलाई लामा को 30 साल पहले मिले नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर कार्यक्रम

दमोह में शांति के दूत माने जाने वाले दलाई लामा को 30 साल पहले मिले नोबेल शांति पुरस्कार को याद करते हुए और उसी खुशी में तिब्बतियों ने एक कार्यक्रम आयोजन किया. जिसमें शामिल होने दमोह के विधायक राहुल सिंह पहुंचे

Event organized in Damoh in memory of Dalai Lama
दलाई लामा की याद में हुआ कार्यक्रम
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Published : Dec 10, 2019, 7:11 PM IST

दमोह। शांति के दूत माने जाने वाले दलाई लामा को 30 साल पहले मिले नोबेल शांति पुरस्कार की याद में दमोह जिला मुख्यालय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां तिब्बती शरणार्थियों के साथ दमोह के विधायक ने भी पहुंचकर शांतिदूत की शांति परंपरा में अपनी हिस्सेदारी करते हुए तिब्बतियों के साथ खुशियां मनाई.

दलाई लामा की याद में हुआ कार्यक्रम

30 साल पहले मिला था नोबल शांति पुरस्कार
बता दें कि शांति के दूत दलाई लामा को सन 1989 में विश्व का सर्वश्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार मिला था. दलाई लामा को मिले इस पुरस्कार के बाद तिब्बत के लोग इस दिन को खास मानते हैं. तिब्बत के लोगों का मानना है कि जिस लामा की धार्मिक परंपरा लामा की शांति का संदेश देने वाली प्रक्रिया विश्व को अच्छी लगती है. उस लामा को पुरस्कार मिलने का दिन उनके लिए सबसे खास है. यही कारण है कि अब तिब्बत के लोग बीते 30 सालों से नोबेल पुरस्कार मिलने की याद में दलाई लामा को याद करते हैं. साथ ही खुशियां भी मनाते हैं.

दमोह में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विधायक राहुल सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय टंडन के साथ समाजसेवी संतोष भारती ने भी मौके पर पहुंच कर इस खुशी में अपनी हिस्सेदारी दी.

दमोह। शांति के दूत माने जाने वाले दलाई लामा को 30 साल पहले मिले नोबेल शांति पुरस्कार की याद में दमोह जिला मुख्यालय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां तिब्बती शरणार्थियों के साथ दमोह के विधायक ने भी पहुंचकर शांतिदूत की शांति परंपरा में अपनी हिस्सेदारी करते हुए तिब्बतियों के साथ खुशियां मनाई.

दलाई लामा की याद में हुआ कार्यक्रम

30 साल पहले मिला था नोबल शांति पुरस्कार
बता दें कि शांति के दूत दलाई लामा को सन 1989 में विश्व का सर्वश्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार मिला था. दलाई लामा को मिले इस पुरस्कार के बाद तिब्बत के लोग इस दिन को खास मानते हैं. तिब्बत के लोगों का मानना है कि जिस लामा की धार्मिक परंपरा लामा की शांति का संदेश देने वाली प्रक्रिया विश्व को अच्छी लगती है. उस लामा को पुरस्कार मिलने का दिन उनके लिए सबसे खास है. यही कारण है कि अब तिब्बत के लोग बीते 30 सालों से नोबेल पुरस्कार मिलने की याद में दलाई लामा को याद करते हैं. साथ ही खुशियां भी मनाते हैं.

दमोह में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विधायक राहुल सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय टंडन के साथ समाजसेवी संतोष भारती ने भी मौके पर पहुंच कर इस खुशी में अपनी हिस्सेदारी दी.

Intro:दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिले हुए 30 वर्ष

तिब्बती शरणार्थियों ने खुशियां मना कर किया याद

Anchor. शांति के दूत माने जाने वाले दलाई लामा को 30 वर्ष पहले मिले नोबेल शांति पुरस्कार की याद में दमोह जिला मुख्यालय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां पर तिब्बती शरणार्थियों के साथ दमोह के विधायक ने भी पहुंचकर शांतिदूत की शांति परंपरा में अपनी हिस्सेदारी करते हुए तिब्बतियों के साथ खुशियां मनाई.


Body:Vo. शांति के दूत दलाई लामा को सन 1989 में विश्व का सर्वश्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार मिला था. दलाई लामा को मिले इस पुरस्कार के बाद तिब्बत के लोग यह दिन खास मांगते हैं. तिब्बत के लोगों का मानना है कि जिस लामा की धार्मिक परंपरा लामा की शांति का संदेश देने वाली प्रक्रिया विश्व को अच्छी लगती है. उस लामा को पुरस्कार मिलने का दिन उनके लिए सबसे खास है. यही कारण है कि अब तिब्बत के लोग बीते 30 सालों से नोबेल पुरस्कार मिलने की याद में दलाई लामा को याद करते हैं. साथ ही खुशियां भी मनाते हैं. दमोह में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विधायक राहुल सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय टंडन के साथ समाजसेवी संतोष भारती ने भी मौके पर पहुंच कर इस खुशी में अपनी हिस्सेदारी की.

बाइट - राहुल सिंह लोधी विधायक दमोह


Conclusion:Vo. बीते 30 सालों से तिब्बती शरणार्थी हिंदुस्तान में दलाई लामा को नोबेल का शांति पुरस्कार मिलने की खुशियां मनाते आ रहे हैं. दमोह में भी अनेक वर्षों से यह परंपरा कायम है. जिसमें दमोह में आने वाले तिब्बती शरणार्थी इस उपलक्ष्य को त्यौहार के रूप में मनाते हैं.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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