दमोह। अंधविश्वास की ये तस्वीरें दमोह के स्वास्थ्य सिस्टम पर तमाचा है. इंजेक्शन से पहले झाड़फूक से इलाज यहां के पिछड़ेपन को त्सदीक करती हैं. आज के दौर में भी यहां पर लोगों को इंजेक्शन से ज्यादा तंत्र- मंत्र पर भरोसा है. दमोह के पिछड़ेपन और लचर स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोलती ये तस्वीरें बिछुआ गांव की हैं. जहां रहने वाली इमरती लोधी को सांप ने काट लिया था.
जिसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर उसके परिजन पहुंचे, लेकिन वहां पर उन्होंने डॉक्टर से ज्यादा तांत्रिक पर भरोसा जताया और इंजेक्शन की जगह तंत्र मंत्र का सहारा लिया. तांत्रिक ने नीम की पत्तियों से झांड फूक का तमाशा अस्पताल परिसर के अंदर ही शुरु कर दिया. दमोह जिला अस्पताल में यह ड्रामा घंटों तक चलता रहा है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन अनजान बना रहा.
दमोह जिला अस्पताल में अंधविश्वास की ये कोई पहली तस्वीर नहीं है. इसके पहले भी कई बार अंधविश्वास से जुड़े मामले सामने आते रहे हैं. लेकिन किसी भी मामले में अस्पताल प्रबंध ने कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई. यही वजह है कि आज भी अस्पताल अंधविश्वास के मकडजाल में फंसा हुआ है. जो मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.