ETV Bharat / state

Damoh Krishi Mandi: प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ी हजारों क्विंटल धान, बारिश में भीगकर हुई खराब

दमोह के हटा कृषि उपज मंडी में रखी सैकड़ों क्विंटल धान बारिश में भींगने से खराब हो गई, जिसके रखरखाव में प्रशासन और कंपनी की लापरवाही सामने आई है. जहां 5250 मीट्रिक टन धान मंडी परिसर में 49 खुले कच्‍चे कैप में रखी गई है. खरीदी गई धान को बरसात के पहले ही उठ जाना था जो अभी तक नहीं उठाई गई. साथ ही कंपनी को मंडी प्रशासन ने टीन शेड भी नहीं दिए गए, जिसके चलते धान खराब हो रही है. damoh Paddy got drenched in rain, damoh krishi upaj mandi, MP agricultural department

Damoh Krishi Mandi
दमोह के हटा कृषि उपज मंडी में रखी सैकड़ों क्विंटल धान बारिश में भींगने से सड़ रही है
author img

By

Published : Sep 21, 2022, 7:24 AM IST

दमोह। हटा कृषि उपज मंडी में रखी सैकड़ों क्विंटल धान प्रशासनिक अनदेखी और लापरवाही के चलते खराब होने की कगार पर पहुंच गई है. 5 हजार 250 मीट्रिक टन धान को रखने के लिए मं‍डी परिसर में खुले में कच्‍चे कैप बनाए गए हैं. खरीदी गई धान को बरसात के पहले ही उठ जाना था जो अभी तक नहीं उठाई गई, जिसके बाद लगातार बारिश होने के कारण भींगने से धान खराब हो रही है.

प्रशासन की लापरवाही: जानकारी के मुताबिक नागरिक अपूर्ति निगम के निर्देशन पर म.प्र. वेयर हाऊसिंग कारर्पोरेशन के माध्‍यम से श्री शुभम लाजिस्टिक कंपनी से हटा मंडी परिसर में धान संग्रह का अनुबंध हुआ था, कंपनी द्वारा मंडी प्रशासन से मंडी के टीन शेड की मांग की गई थी. जिसके बाद मंडी प्रशासन ने कंपनी को तीन टीन शेड उपलब्‍ध कराए. शेष के लिए मंडी परिसर में ही चबूतरा बनाकर धान रखने की अनुमति दी गई थी. (MP agricultural department) (damoh krishi upaj mandi)

कंपनी नें मापदण्‍डों को किया दरकिनार: सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने मंडी परिसर में चबूतरा निर्माण के मापदण्‍डों को दरकिनार करते हुए मात्र नौ-नौ इंच ऊंचाई की ईटें रखकर कच्चे चबूतरों का निर्माण कर दिया और उसी पर खुले कैप तैयार कर दिए. कंपनी का अनुमान था कि धान बरसात के पहले ही उठ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

किसानों को रुला रहा लहसुन, ज्यादा पैदावार बनी मुसीबत मंडी में 100 से 200 रुपये क्विंटल है दाम

खुले कैप में खराब हो रही धान: मंडी परिसर में 49 खुले कच्‍चे कैप में 5250 मीट्रिक टन धान रखी गई है, जिनमें से मुश्किल से पांच कैप की धान का ही परिवाहन हुआ है. शेष धान अभी भी मंडी परिसर में पड़ी है. लगातार बारिश के कारण एवं रख रखाव में की गई अनियमिताओं के चलते कई टन धान खराब हो गई है, जो लगातर खराब होती भी जा रही है. अभी भी इसका परिवाहन नहीं किया जा रहा है, मंडी के कुछ स्‍थानों पर अभी भी पानी भरा हुआ है. (damoh Paddy got drenched in rain)

मंडी ने नहीं दिए शेड: मामले को लेकर श्री शुभम लॉजिस्टिक कंपनी के मैनेजर रोशन कोरी ने बताया कि मंडी से सारे टीन शेड एवं चबूतरा की मांग की गई थी, लेकिन मंडी प्रशासन ने मात्र तीन शेड उपलब्‍ध कराए हैं. सरकार की नीति के अनुसार कच्‍चे कैप की धान पहले उठना चाहिए जिसे अभी तक नहीं उठाया जा रहा है. इसी कारण यह नुकसान हो रहा है. नरेन्‍द्र पटेल एवं प्रहलाद विश्‍वकर्मा ने बताया कि, "हटा मंडी में ना तो डाक नीलामी होती है, ना ही यहां किसानों को कोई सुविधा मिल रही है. यहां के टीन शेड में कभी थ्रेसिंग होने लगती है तो कभी किराए पर दे दिया जाता है, जिस अनाज को सुरक्षित रखना चाहिए उसे बाहर सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है."

दमोह। हटा कृषि उपज मंडी में रखी सैकड़ों क्विंटल धान प्रशासनिक अनदेखी और लापरवाही के चलते खराब होने की कगार पर पहुंच गई है. 5 हजार 250 मीट्रिक टन धान को रखने के लिए मं‍डी परिसर में खुले में कच्‍चे कैप बनाए गए हैं. खरीदी गई धान को बरसात के पहले ही उठ जाना था जो अभी तक नहीं उठाई गई, जिसके बाद लगातार बारिश होने के कारण भींगने से धान खराब हो रही है.

प्रशासन की लापरवाही: जानकारी के मुताबिक नागरिक अपूर्ति निगम के निर्देशन पर म.प्र. वेयर हाऊसिंग कारर्पोरेशन के माध्‍यम से श्री शुभम लाजिस्टिक कंपनी से हटा मंडी परिसर में धान संग्रह का अनुबंध हुआ था, कंपनी द्वारा मंडी प्रशासन से मंडी के टीन शेड की मांग की गई थी. जिसके बाद मंडी प्रशासन ने कंपनी को तीन टीन शेड उपलब्‍ध कराए. शेष के लिए मंडी परिसर में ही चबूतरा बनाकर धान रखने की अनुमति दी गई थी. (MP agricultural department) (damoh krishi upaj mandi)

कंपनी नें मापदण्‍डों को किया दरकिनार: सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने मंडी परिसर में चबूतरा निर्माण के मापदण्‍डों को दरकिनार करते हुए मात्र नौ-नौ इंच ऊंचाई की ईटें रखकर कच्चे चबूतरों का निर्माण कर दिया और उसी पर खुले कैप तैयार कर दिए. कंपनी का अनुमान था कि धान बरसात के पहले ही उठ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

किसानों को रुला रहा लहसुन, ज्यादा पैदावार बनी मुसीबत मंडी में 100 से 200 रुपये क्विंटल है दाम

खुले कैप में खराब हो रही धान: मंडी परिसर में 49 खुले कच्‍चे कैप में 5250 मीट्रिक टन धान रखी गई है, जिनमें से मुश्किल से पांच कैप की धान का ही परिवाहन हुआ है. शेष धान अभी भी मंडी परिसर में पड़ी है. लगातार बारिश के कारण एवं रख रखाव में की गई अनियमिताओं के चलते कई टन धान खराब हो गई है, जो लगातर खराब होती भी जा रही है. अभी भी इसका परिवाहन नहीं किया जा रहा है, मंडी के कुछ स्‍थानों पर अभी भी पानी भरा हुआ है. (damoh Paddy got drenched in rain)

मंडी ने नहीं दिए शेड: मामले को लेकर श्री शुभम लॉजिस्टिक कंपनी के मैनेजर रोशन कोरी ने बताया कि मंडी से सारे टीन शेड एवं चबूतरा की मांग की गई थी, लेकिन मंडी प्रशासन ने मात्र तीन शेड उपलब्‍ध कराए हैं. सरकार की नीति के अनुसार कच्‍चे कैप की धान पहले उठना चाहिए जिसे अभी तक नहीं उठाया जा रहा है. इसी कारण यह नुकसान हो रहा है. नरेन्‍द्र पटेल एवं प्रहलाद विश्‍वकर्मा ने बताया कि, "हटा मंडी में ना तो डाक नीलामी होती है, ना ही यहां किसानों को कोई सुविधा मिल रही है. यहां के टीन शेड में कभी थ्रेसिंग होने लगती है तो कभी किराए पर दे दिया जाता है, जिस अनाज को सुरक्षित रखना चाहिए उसे बाहर सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.