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जमीन डायवर्जन के लिए दर-दर भटक रहा बुजुर्ग

प्रदेश सरकार भले ही भू- माफियाओं से मुक्ति दिलाने का दावा कर रही है. आज भी भू-माफियाओं की रंगदारी के चलते आम आदमी को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर परेशान होना पड़ रहा है.

Elderly wandering for ground diversion
जमीन डायवर्जन के लिए भटक रहा बुजुर्ग
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Published : Mar 17, 2021, 1:00 PM IST

Updated : Mar 28, 2021, 12:59 PM IST

छिंदवाड़ा। जुन्नारदेव के रहने वाले प्रीतम ने 2008 में अपनी जमीन पर भू-माफियाओं के कब्जा करने के बाद डायवर्जन के लिए अर्जी लगाई थी. 12 साल बीत जाने के बाद भी उनकी जमीन पर डायवर्जन नहीं हुआ है. यहां तक की पीड़ित के आवेदन का भी पता नहीं है. पीड़ित का कहना है कि वह सभी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुका है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है.

भू- माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई

डायवर्जन के नाम पर भू -माफिया बेखौफ जमीन बेच रहे हैं

सरकार ने डायवर्जन की नीतियों पर रोक लगा दी है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा भू- माफियाओं को हो रहा है. डायवर्जन के नाम पर भू माफिया बेखौफ जमीन बेच रहे हैं, लेकिन खरीदी करने के बाद आम आदमी को नगर निगम भवन निर्माण की अनुमति नहीं दे रही है. नगर निगम का कहना है कि छिंदवाड़ा का मास्टर प्लान लागू नहीं हुआ है और विकास अनुमति भी नहीं है इसलिए मकान निर्माण की अनुमति देना संभव नहीं है.

2011 से मास्टर प्लान पेंडिंग है

कानूनी जानकार का कहना है कि छिंदवाड़ा में 2011 से मास्टर प्लान पेंडिंग है, लेकिन अगर मकान निर्माण की अनुमति नहीं देना है तो सरकार को डायवर्सन पर भी रोक लगाना चाहिए और रजिस्ट्री के समय ही विकास अनुमति लेना अनिवार्य करना चाहिए इस तरह से आम आदमी परेशान हो रहा है।

पुलिस ने दबोची भू-माफिया की गर्दन ! उदयपुर से दबोचा

मामले में एसडीएम अतुल सिंह ने कहा कि छिंदवाड़ा नगर के गांव हैं उनमें अवैध कॉलिनियां विकसित की जा रही है. इसको लेकर नगर निगम बहुत सारे प्रकरण भी तैयार कर रहा है. जिसमें हम कार्रवाई कर रहे हैं. साथ ही जो मौके पर लोगों ने कब्जा कर लिया है. भू-माफियाओं से लोंगो को निजात, जमीन के सभी मामले को दुरुस्त करने और आम आदमी को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए कार्रवाई जारी है.

छिंदवाड़ा। जुन्नारदेव के रहने वाले प्रीतम ने 2008 में अपनी जमीन पर भू-माफियाओं के कब्जा करने के बाद डायवर्जन के लिए अर्जी लगाई थी. 12 साल बीत जाने के बाद भी उनकी जमीन पर डायवर्जन नहीं हुआ है. यहां तक की पीड़ित के आवेदन का भी पता नहीं है. पीड़ित का कहना है कि वह सभी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुका है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है.

भू- माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई

डायवर्जन के नाम पर भू -माफिया बेखौफ जमीन बेच रहे हैं

सरकार ने डायवर्जन की नीतियों पर रोक लगा दी है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा भू- माफियाओं को हो रहा है. डायवर्जन के नाम पर भू माफिया बेखौफ जमीन बेच रहे हैं, लेकिन खरीदी करने के बाद आम आदमी को नगर निगम भवन निर्माण की अनुमति नहीं दे रही है. नगर निगम का कहना है कि छिंदवाड़ा का मास्टर प्लान लागू नहीं हुआ है और विकास अनुमति भी नहीं है इसलिए मकान निर्माण की अनुमति देना संभव नहीं है.

2011 से मास्टर प्लान पेंडिंग है

कानूनी जानकार का कहना है कि छिंदवाड़ा में 2011 से मास्टर प्लान पेंडिंग है, लेकिन अगर मकान निर्माण की अनुमति नहीं देना है तो सरकार को डायवर्सन पर भी रोक लगाना चाहिए और रजिस्ट्री के समय ही विकास अनुमति लेना अनिवार्य करना चाहिए इस तरह से आम आदमी परेशान हो रहा है।

पुलिस ने दबोची भू-माफिया की गर्दन ! उदयपुर से दबोचा

मामले में एसडीएम अतुल सिंह ने कहा कि छिंदवाड़ा नगर के गांव हैं उनमें अवैध कॉलिनियां विकसित की जा रही है. इसको लेकर नगर निगम बहुत सारे प्रकरण भी तैयार कर रहा है. जिसमें हम कार्रवाई कर रहे हैं. साथ ही जो मौके पर लोगों ने कब्जा कर लिया है. भू-माफियाओं से लोंगो को निजात, जमीन के सभी मामले को दुरुस्त करने और आम आदमी को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए कार्रवाई जारी है.

Last Updated : Mar 28, 2021, 12:59 PM IST
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