छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ के गृह जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. कागजों पर जिला खुले में शौच मुक्त हो चुका है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे खैररवाड़ा गांव में कई लोगों के घरों में शौंचालय नहीं बने हैं, वहीं जिन घरों में बने शौचालय बने भी हैं वह किसी काम के नहीं हैं.
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सरकार के स्वच्छ एमपी पोर्टल के हिसाब से पूरे जिले में करीब 325746 शौचालय बने हैं और उनमें से 306738 घरों के शौचालय का सत्यापन हो चुका है. इनमें से 15659 शौचालय अनुपयोगी पाए गए हैं वहीं 19008 घरों का सत्यापन होना बाकी है.
हितग्राहियों का कहना है कि घरों में शौचालय बना तो दिए गए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि किसी ने उन्हें कुछ महीने ही उपयोग किया तो कुछ लोगों ने उपयोग ही नहीं किया.क्योंकि वह इस लायक है ही नहीं कि उनका उपयोग किया जा सके.