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सीएम कमलनाथ के गृह जिले में ODF का रियलिटी टेस्ट, कही जर्जर हो गए शौचालय तो कही अबतक नहीं हुआ निर्माण

ईटीवी भारत ने छिंदवाड़ा में ODF का रियलिटी टेस्ट किया. जिसमें पता लगा कि जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन गांवों में आज भी कई लोगों के यहां शौचालय ही नहीं बने हैं. जबकि कई शौचालय बनने के दो तीन साल बाद ही जर्जर हो चुके हैं.

ODF reality test
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Published : Oct 3, 2019, 3:26 PM IST

छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ के गृह जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. कागजों पर जिला खुले में शौच मुक्त हो चुका है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे खैररवाड़ा गांव में कई लोगों के घरों में शौंचालय नहीं बने हैं, वहीं जिन घरों में बने शौचालय बने भी हैं वह किसी काम के नहीं हैं.

छिंदवाड़ा में ODF का रियलिटी टेस्ट

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सरकार के स्वच्छ एमपी पोर्टल के हिसाब से पूरे जिले में करीब 325746 शौचालय बने हैं और उनमें से 306738 घरों के शौचालय का सत्यापन हो चुका है. इनमें से 15659 शौचालय अनुपयोगी पाए गए हैं वहीं 19008 घरों का सत्यापन होना बाकी है.

हितग्राहियों का कहना है कि घरों में शौचालय बना तो दिए गए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि किसी ने उन्हें कुछ महीने ही उपयोग किया तो कुछ लोगों ने उपयोग ही नहीं किया.क्योंकि वह इस लायक है ही नहीं कि उनका उपयोग किया जा सके.

छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ के गृह जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. कागजों पर जिला खुले में शौच मुक्त हो चुका है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे खैररवाड़ा गांव में कई लोगों के घरों में शौंचालय नहीं बने हैं, वहीं जिन घरों में बने शौचालय बने भी हैं वह किसी काम के नहीं हैं.

छिंदवाड़ा में ODF का रियलिटी टेस्ट

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सरकार के स्वच्छ एमपी पोर्टल के हिसाब से पूरे जिले में करीब 325746 शौचालय बने हैं और उनमें से 306738 घरों के शौचालय का सत्यापन हो चुका है. इनमें से 15659 शौचालय अनुपयोगी पाए गए हैं वहीं 19008 घरों का सत्यापन होना बाकी है.

हितग्राहियों का कहना है कि घरों में शौचालय बना तो दिए गए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि किसी ने उन्हें कुछ महीने ही उपयोग किया तो कुछ लोगों ने उपयोग ही नहीं किया.क्योंकि वह इस लायक है ही नहीं कि उनका उपयोग किया जा सके.

Intro: असाइन स्टोरी

छिन्दवाड़ा। छिन्दवाड़ा जिले को ओडीएफ घोषित कर खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी के गांव खैररवाड़ा में कई घरों में शौचालय बने हैं लेकिन वे किसी काम के नहीं हैं और कई घरों के लोग अभी भी शौचालय के लिए इंतजार कर रहे हैं।


Body: सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सरकार के स्वच्छ एमपी पोर्टल के हिसाब से पूरे जिले में करीब 325746 शौचालय बने हैं और उनमें से 306738 घरों के शौचालय का सत्यापन हो चुका है जिनमें से 15659 शौचालय अनुपयोगी पाए गए हैं वहीं 19008 घरों का सत्यापन होना बाकी है।


Conclusion:हितग्राहियों का कहना है कि शौचालय उनके घरों में बना तो दिए गए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि किसी ने उन्हें कुछ महीने ही उपयोग किया तो कुछ लोगों ने उपयोग ही नहीं किया क्योंकि वह इस लायक है ही नहीं कि उनका उपयोग किया जा सके।

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