छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा के नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष और 9 पार्षदों के खिलाफ छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना का अवैध तरीके से लाभ लेकर अनियमितता करने संबंधी आरोप शासन ने वापस ले लिए हैं. महाधिवक्ता के आदेश पर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस निरस्त कर दिया है..
मामले की जानकारी देते हुए पार्षदों के अधिवक्ता केके दमाहे और सुबोध श्रीवास्तव ने बताया की बीजेपी के नगर पालिका में निर्वाचित पार्षद संतोष पटेल,दया मुन्नी सराठे, ऋषभ जैन, विनोद डेहरिया, लकी चौरसिया, रज्जू ग्रीन, सरजू वर्मा सहित कुल 10 पार्षदों पर कलेक्टर ने कार्रवाई की थी. कलेक्टर ने पार्षद पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ खुद लेने और अपने रिश्तेदारों को दिलाने का आरोप लगाकर पद से हटाने और 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की कार्रवाई की थी.
कार्रवाई के विरोध में सभी 10 पार्षदों की ओर से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें शासन द्वारा बार-बार जवाब देने के लिए अवसर की मांग की जाती रही. जिसपर मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पार्षदों के विरुद्ध लगाए गए आरोप को निराधार माना और कलेक्टर को आदेश दिया कि सभी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई को समाप्त करने का आदेश दिया है. वहीं इस मामले में बीजेपी का कहना है कि पार्षदों पर लगाए गए आरोप कांग्रेस सरकार के इशारे पर बीजेपी को बदनाम करने की साजिश थी जो झूठी साबित हुई.