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बीजेपी पार्षदों पर लगाए गए आरोप निकले झूठे, कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस किया निरस्त

छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा के नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष और 9 पार्षदों पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप झूठा साबित हुआ है. महाधिवक्ता के आदेश पर कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने कारण बताओ नोटिस निरस्त कर दिया है.

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Published : Nov 30, 2019, 11:59 PM IST

Allegations leveled against BJP councilors in Chhindwara turned out to be false
बीजेपी पार्षदों पर लगाए गए आरोप निकले झूठे

छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा के नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष और 9 पार्षदों के खिलाफ छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना का अवैध तरीके से लाभ लेकर अनियमितता करने संबंधी आरोप शासन ने वापस ले लिए हैं. महाधिवक्ता के आदेश पर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस निरस्त कर दिया है..

बीजेपी पार्षदों पर लगाए गए आरोप निकले झूठे

मामले की जानकारी देते हुए पार्षदों के अधिवक्ता केके दमाहे और सुबोध श्रीवास्तव ने बताया की बीजेपी के नगर पालिका में निर्वाचित पार्षद संतोष पटेल,दया मुन्नी सराठे, ऋषभ जैन, विनोद डेहरिया, लकी चौरसिया, रज्जू ग्रीन, सरजू वर्मा सहित कुल 10 पार्षदों पर कलेक्टर ने कार्रवाई की थी. कलेक्टर ने पार्षद पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ खुद लेने और अपने रिश्तेदारों को दिलाने का आरोप लगाकर पद से हटाने और 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की कार्रवाई की थी.

कार्रवाई के विरोध में सभी 10 पार्षदों की ओर से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें शासन द्वारा बार-बार जवाब देने के लिए अवसर की मांग की जाती रही. जिसपर मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पार्षदों के विरुद्ध लगाए गए आरोप को निराधार माना और कलेक्टर को आदेश दिया कि सभी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई को समाप्त करने का आदेश दिया है. वहीं इस मामले में बीजेपी का कहना है कि पार्षदों पर लगाए गए आरोप कांग्रेस सरकार के इशारे पर बीजेपी को बदनाम करने की साजिश थी जो झूठी साबित हुई.

छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा के नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष और 9 पार्षदों के खिलाफ छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना का अवैध तरीके से लाभ लेकर अनियमितता करने संबंधी आरोप शासन ने वापस ले लिए हैं. महाधिवक्ता के आदेश पर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस निरस्त कर दिया है..

बीजेपी पार्षदों पर लगाए गए आरोप निकले झूठे

मामले की जानकारी देते हुए पार्षदों के अधिवक्ता केके दमाहे और सुबोध श्रीवास्तव ने बताया की बीजेपी के नगर पालिका में निर्वाचित पार्षद संतोष पटेल,दया मुन्नी सराठे, ऋषभ जैन, विनोद डेहरिया, लकी चौरसिया, रज्जू ग्रीन, सरजू वर्मा सहित कुल 10 पार्षदों पर कलेक्टर ने कार्रवाई की थी. कलेक्टर ने पार्षद पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ खुद लेने और अपने रिश्तेदारों को दिलाने का आरोप लगाकर पद से हटाने और 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की कार्रवाई की थी.

कार्रवाई के विरोध में सभी 10 पार्षदों की ओर से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें शासन द्वारा बार-बार जवाब देने के लिए अवसर की मांग की जाती रही. जिसपर मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पार्षदों के विरुद्ध लगाए गए आरोप को निराधार माना और कलेक्टर को आदेश दिया कि सभी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई को समाप्त करने का आदेश दिया है. वहीं इस मामले में बीजेपी का कहना है कि पार्षदों पर लगाए गए आरोप कांग्रेस सरकार के इशारे पर बीजेपी को बदनाम करने की साजिश थी जो झूठी साबित हुई.

Intro:Body:बहुचर्चित मामला प्रधानमंत्री आवास योजना

पार्षदों के खिलाफ झूठे निकले सभी आरोप

महाधिवक्ता के आदेश पर कलेक्टर ने कारण बताओ सूचना पत्र किया निरस्त

अमरवाड़ा

नगर पालिका परिषद अमरवाड़ा के उपाध्यक्ष एवं 9 पार्षदों के खिलाफ कलेक्टर छिंदवाड़ा डॉक्टर श्रीनिवास शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का अवैध तरीके से लाभ लेकर अनियमितता करने संबंधी आरोप शासन ने वापस ले लिये हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पार्षदों के अधिवक्ता केके दमाहे और सुबोध श्रीवास्तव ने बताया की भारतीय जनता पार्टी के अमरवाड़ा नगर पालिका में निर्वाचित पार्षद संतोष पटेल ,दया मुन्नी सराठे, ऋषभ जैन, विनोद डेहरिया, लकी चौरसिया, रज्जू ग्रीन, सरजू वर्मा सहित कुल 10 पार्षदों को कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा अमरवाड़ा नगर पालिका में पार्षद पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ स्वयं लेने एवं अपने रिश्तेदारों को दिलाने का आरोप लगाकर पद से हटाने की और 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई थी। इस कार्यवाही के विरोध में सभी 10 पार्षदों की ओर से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी जिसमें शासन द्वारा बार-बार जवाब देने के लिए अवसर की मांग की जाती रही।
विगत दिवस मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर द्वारा पार्षदों के विरुद्ध लगाए गए आरोप निराधार मानते हुए कलेक्टर छिंदवाड़ा को आदेश दिया गया कि सभी पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही समाप्त की जावे जिस पर कार्यवाही करते हुए कलेक्टर छिंदवाड़ा डॉक्टर श्रीनिवास शर्मा द्वारा आदेश क्रमांक के माध्यम से सभी 10पार्षदों को जारी कारण बताओ सूचना पत्र निरस्त करते हुए कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।
अधिवक्ताद्वय ने बताया कि भाजपा समर्थित पार्षदों पर राजनीतिक विद्वेषपूर्ण कार्यवाही परेशान करने की नियत से की गई थी जिसमें निर्दोष पार्षदों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए थे। प्रकरण की समाप्ति के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि सभी 10 पार्षदों द्वारा किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार अनियमितता या पद का दुरुपयोग नहीं किया गया है नियमानुसार ही प्रधानमंत्री आवास का लाभ लिया गया है।
कलेक्टर के आदेश की प्रति प्राप्त होते ही नगर पालिका परिषद अमरवाड़ा में पार्षदों ने जमकर जश्न मनाया और उक्त कार्यवाही में सहयोगी अधिवक्ता केके दमाहे,
सुबोध श्रीवास्तव, नितिन तिवारी , मनोज सराठे का
पुष्प हार से स्वागत कर आतिशबाजी कर अपनी खुशी का इजहार किया।

इनका कहना है
पार्षदों पर लगाए गए आरोप कांग्रेस सरकार के इशारे पर भाजपा को बदनाम करने की साजिश थी जो झूठी साबित हुई- संतोष पटेल उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद अमरवाड़ा

मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर द्वारा आरोपों में सत्यता नहीं पाए जाने से कलेक्टर को प्रकरण समाप्त करने आदेशित किया गया है जिसके बाद सभी पार्षदों के विरुद्ध कार्यवाही समाप्त की जा चुकी है-

सुबोध श्रीवास्तव पीड़ित पार्षदों के अधिवक्ता

बाइट-
1 सुबोध श्रीवास्तव एडवोकेट पीड़ित पार्षद
2 नवीन जैन नगर पालिका अध्यक्ष अमरवाड़ा
Conclusion:
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