छतरपुर| अंग्रेजों से लड़कर आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में तो आपने खूब सुना और पढ़ा होगा, लेकिन काशी प्रसाद महतो बुंदेलखंड के गढ़ीमलहरा के ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जिन्होंने अग्रेजों से नहीं बल्कि राजाओं के राज के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. हालांकि पिछले कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब है, लेकिन उनके जज्बे में कोई कमी नहीं आई है. काशी प्रसाद गरम दल के बागी नेता रहे हैं.
काशी प्रसाद महतो ने बताया कि बुंदेलखंड के बहुत ही कम हिस्से में अंग्रेजों का सीधा शासन था, बल्कि ज्यादातर इलाके राजाओं के माध्यम से अंग्रेजों के गुलाम हुआ करते थे. यही वजह थी कि राजाओं के राज को खत्म करने की मुहिम उन्होंने चलाई. इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
काशी प्रसाद ने बताया कि राजतंत्र से आजादी पाने में एक लंबा समय लगा. राजाओं से उत्तरदायी शासन लिया गया. स्वतंत्रता सेनानी काशी प्रसाद ने पुरानी बातों को याद किया. उस वक्त के हालातों का जिक्र किया. वहीं उन्होंने कांग्रेस को ढुलमुल पार्टी बताया. उन्होंने कहा कि जब तक हिंदुत्व का संगठन नहीं आएगा, तब तक शासन ठीक नहीं चलेगा.