भोपाल। मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को कर्मचारी सह बचत योजना के तहत मिलने वाली राशि पिछले 25 सालों से नहीं बढ़ी है. इसको लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. कर्मचारियों ने मांग की है कि कमलनाथ सरकार अपना वादा निभाए और आगामी बजट में इस मद में राशि बढाए. जिससे कर्मचारी की सेवा के दौरान मौत होने पर परिवार का जीवनयापन आसानी से हो सके.
कर्मचारियों के लिए कर्मचारी बीमा सह बचत योजना लागू है, जिसमें कर्मचारी से ली गई राशि का 35% हिस्सा प्रीमियम के रूप में और 65% हिस्सा बचत खाते में जमा किया जाता है. जिसे कर्मचारियों की सेवा के दौरान मृत्यु के बाद उसके परिजनों को एकमुश्त राशि दी जाती है. जो चतुर्थ श्रेणी के लिए सवा लाख रुपए और तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के लिए ढाई लाख रुपए है, लेकिन 1995 के बाद से इस राशि को नहीं बढ़ाया गया है.
इसी मांग को लेकर कमलनाथ सरकार ने इस राशि को दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन बजट घोषणा और कैबिनेट की मुहर लगने के बाद भी आज तक आदेश जारी नहीं हो सका है. सरकार का कहना है कि इस योजना की राशि दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेना जरूरी है. पर केंद्र सरकार प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के चलते इसकी अनुमति नहीं दी है, जिसका खामियाजा यहां के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.