ETV Bharat / state

Women Reservation Bill: MP में BJP को नारी शक्ति कैसे पहुंचाएगी सत्ता की कुर्सी तक, जानिए शिवराज सरकार का गणित - मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव

हाल ही में होने जा रहे विधानसभा चुनावों तक भले ही 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू न हो पाए, लेकिन इस बार मध्यप्रदेश बीजेपी महिलाओं को 15 से 20 प्रतिशत टिकट देने वाली है. इस बार प्रदेश में महिलाओं के जरिए बीजेपी सत्ता में फिर से आने की जुगत में है. भाजपा चुनावी मैदान में ज्यादा महिलाओं को उतारेगी. पार्टी को हाईकमान की हरी झंडी का इंतजार है.

Women Reservation Bil
MP में BJP को नारी शक्ति कैसे पहुंचाएगी सत्ता की कुर्सी तक
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 9:46 AM IST

भोपाल। बीजेपी द्वारा मध्यप्रदेश में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से केवल 24 महिलाओं को टिकट दिए गए थे लेकिन चुनावी सफलता केवल 11 को ही मिल पाई. इस बार बीजेपी को लाड़ली बहना, उज्जवला योजना और रसोई गैस की घटी कीमतों के चलते पार्टी को आधी आबादी के भरपूर समर्थन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होते ही मध्यप्रदेश में भाजपा नेत्रियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं.

महिलाओं के लिए घोषणाएं : बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी का कहना है कि टिकट किसको मिलेगा, ये चुनाव समिति तय करती है. लेकिन हमारी पार्टी ने महिलाओं को नगरीय निकाय में 33 प्रतिशत की भागीदारी दी. यह सिर्फ बीजेपी है जहां महिलाओं को चुनाव में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलता है. कांग्रेस में महिलाओं को चुनावी शिगूफा पकड़ा दिया जाता है लेकिन वहां असल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. सूत्रों की मानें तो इस बार बीजेपी महिलाओं को ज्यादा टिकट देगी और इनकी संख्या 30-35 हो सकती है. वहीं इस बार शिवराज सरकार का पूरा फोकस महिलाओं पर है और उनके लिए चुनावी घोषणाएं भी की गई हैं.

प्रदेश की 52 सीटों पर फोकस : बीजेपी की कोशिश यह है कि महिला चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा जाए जिससे महिलाओं का वोट बैंक बीजेपी को मिल सके. मध्यप्रदेश में 52 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर महिला वोटर जीत तय करती हैं. यही कारण है 2006 में लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना और अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना है. प्रदेश में 2 करोड़ 64 लाख महिला मतदाता हैं, यानी प्रदेश में 48 फीसदी वोटर्स महिलाएं हैं. 2013 विधानसभा चुनाव की तुलना में 2018 में करीब 20 लाख से अधिक महिलाओं ने वोट दिया था. इसका सीधा असर 52 सीटों पर पड़ा था.

ये खबरें भी पढ़ें...

नई महिला वोटर की संख्या बढ़ी : प्रदेश में 13.39 लाख नए मतदाताओं में से 7.07 लाख मतदाता महिलाएं हैं. 230 विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 18 ऐसे हैं, जहां महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. 2018 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 230 सीटों में से 52 सीटों पर महिला वोटर्स ने ज्यादा वोटिंग की थी. इनमें 35 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी जीती थी. 2018 के मुकाबले कुल महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है. 2018 में एक हजार पुरुष वोटरों की तुलना में 898 महिला मतदाता थीं लेकिन अब 1000 पुरुष वोटर्स पर 931 महिला वोटर्स हैं. यही कारण है कि महिला वोटर पर सियासी दलों की नजर टिकी है. यही महिला वोटर सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी,

भोपाल। बीजेपी द्वारा मध्यप्रदेश में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से केवल 24 महिलाओं को टिकट दिए गए थे लेकिन चुनावी सफलता केवल 11 को ही मिल पाई. इस बार बीजेपी को लाड़ली बहना, उज्जवला योजना और रसोई गैस की घटी कीमतों के चलते पार्टी को आधी आबादी के भरपूर समर्थन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होते ही मध्यप्रदेश में भाजपा नेत्रियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं.

महिलाओं के लिए घोषणाएं : बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी का कहना है कि टिकट किसको मिलेगा, ये चुनाव समिति तय करती है. लेकिन हमारी पार्टी ने महिलाओं को नगरीय निकाय में 33 प्रतिशत की भागीदारी दी. यह सिर्फ बीजेपी है जहां महिलाओं को चुनाव में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलता है. कांग्रेस में महिलाओं को चुनावी शिगूफा पकड़ा दिया जाता है लेकिन वहां असल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. सूत्रों की मानें तो इस बार बीजेपी महिलाओं को ज्यादा टिकट देगी और इनकी संख्या 30-35 हो सकती है. वहीं इस बार शिवराज सरकार का पूरा फोकस महिलाओं पर है और उनके लिए चुनावी घोषणाएं भी की गई हैं.

प्रदेश की 52 सीटों पर फोकस : बीजेपी की कोशिश यह है कि महिला चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा जाए जिससे महिलाओं का वोट बैंक बीजेपी को मिल सके. मध्यप्रदेश में 52 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर महिला वोटर जीत तय करती हैं. यही कारण है 2006 में लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना और अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना है. प्रदेश में 2 करोड़ 64 लाख महिला मतदाता हैं, यानी प्रदेश में 48 फीसदी वोटर्स महिलाएं हैं. 2013 विधानसभा चुनाव की तुलना में 2018 में करीब 20 लाख से अधिक महिलाओं ने वोट दिया था. इसका सीधा असर 52 सीटों पर पड़ा था.

ये खबरें भी पढ़ें...

नई महिला वोटर की संख्या बढ़ी : प्रदेश में 13.39 लाख नए मतदाताओं में से 7.07 लाख मतदाता महिलाएं हैं. 230 विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 18 ऐसे हैं, जहां महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. 2018 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 230 सीटों में से 52 सीटों पर महिला वोटर्स ने ज्यादा वोटिंग की थी. इनमें 35 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी जीती थी. 2018 के मुकाबले कुल महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है. 2018 में एक हजार पुरुष वोटरों की तुलना में 898 महिला मतदाता थीं लेकिन अब 1000 पुरुष वोटर्स पर 931 महिला वोटर्स हैं. यही कारण है कि महिला वोटर पर सियासी दलों की नजर टिकी है. यही महिला वोटर सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी,

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.