भोपाल। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे व खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए विवादित बयान कि आग भोपाल तक फैल गई है. गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश महाराज ने उधयानिधि स्टालिन के पिंडदान करने की बात कही है. रामप्रवेश दास महाराज ने कहा कि "जो व्यक्ति सनातन को लेकर इस तरह की अमर्यादित भाषा का उपयोग करता है, व जिस तरह से अपने वाक्य को प्रकट करता है. उससे साफ है कि ऐसे लोग मनुष्य की श्रेणी में नहीं है और इनका पिंडदान कर देना चाहिए.
विपक्षी दल INDIA सनातन विरोधी: महाराज ने इस दौरान उदयनिधि की पार्टी द्वारा विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में रहने पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि हम इस बात से चिंतित हैं कि इन दिनों में कांग्रेस, डीएमके और सीपीआई के नेताओं ने शाश्वत सनातन धर्म के विरोध में अभद्र भाषा में बयान दिये हैं. सनातन धर्म की तुलना कोरोना और डेंगू से की गयी है. यह भी कहा गया है कि सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं करेंगे, बल्कि इसे धरती से समाप्त कर देंगे. यह प्रलाप लगभग एक साथ शुरू हुआ. इसमें I.N.D.I.A के तीन बड़े राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं. उदय निधि स्टालिन ने तो इस बात को दोहराया है कि वह अपने बयान पर कायम हैं. निश्चय ही यह एक सोची समझी साजिश है. ऐसे में लगता है कि पूरा विपक्षी दल इंडिया ही सनातन के विरोध में है."
राजनीति में सत्ता पाने किसी भी स्तर पर जा रहे नेता: रामप्रवेश दास महाराज ने कहा "गाली-गलौज भरे यह बयान अपने राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने और विभिन्न वर्गों में एक दूसरे के प्रति घृणा और शत्रुता बढ़ाने के बेईमान प्रयास है. वोट बैंक की राजनीति में नीचे गिरकर केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए किसी भी सीमा तक यह लोग जा सकते हैं. यह चुनौती उन सब लोगों के लिए है, जो संविधान और स्वस्थ लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं. यह एक बीमार मानसिकता है, जो समझती है कि बहुसंख्य धार्मिक समुदाय की अस्थाओं पर चोट करके, उसके प्रति घृणा और अविश्वास का वातावरण पैदा करने से अल्पसंख्यक समुदाय के समूह वोट इकट्ठा होकर इन दलों की झोली भर देंगे. भारत विभिन्नता में एकता और सब धार्मिक विश्वासों का आदर करने वाला देश है."
सनातन धर्म चिरजीवी: उन्होंने कहा "हमारा निश्चित मत है कि लोकतंत्र और शुचिता में विश्वास रखने वाला भारतीय समाज ऐसे लोगों को समुचित उत्तर देगा. हम इस बात को दोहराते हैं कि सनातन धर्म प्रत्येक जीव के अंदर विराजमान ईश्वर के दर्शन करता है. वह मनुष्य मात्र की दिव्यता और समानता में विश्वास रखता है. सर्व भवन्तु सुखिन की प्रार्थना करने वाला भारतीय समाज मनुष्य की गरिमा के आधार पर समाज में एकल्य और शांति का सशक्त आधार है. सनातन धर्म चिरजीवी है. 800 सालों का मुगलों का आक्रमण, अत्याचार, 200 साल का अंग्रेजों का शासन और मिशनरियों के प्रयासों के बावजूद आज भी भारत का बहुसंख्य समाज सनातन धर्म में विश्वास रखता है. इसका विरोध करने वाले लोग इतिहास के कूड़ेदान में पाये जाते है."
उदयनिधि स्टालिन मांगे माफी: तमिलनाडु हमेशा से सनातन संस्कृति का ध्वजावाहक रहा है. तमिलनाडु की जनता रामेश्वरम, माता मीनाक्षी, दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, मुरुगन, राम और कृष्ण की हमेशा से आराधक है. हजारों वर्ष पुराने मंदिर सनातन के प्रति तमिलनाडु की सनातन भक्ति के प्रतीक हैं. आलयारों, नायनमारो, संत तिरुवल्लुवर, अंडाल आदि महान संतों की अमर वाणी तमिलनाडु की धर्म प्राण जनता का ही नहीं करोड़ सनातनियों का चिरकाल से मार्गदर्शन करती रही है. यह हमारी साझी विरासत है. आज आवश्यकता है कि इस साझी विरासत को मजबूत करें. परस्पर एकता बढ़ाने वाले बिन्दुओं को ढूंढे. समाज की एकात्मता को मजबूत करें. भारत की पवित्र आध्यात्मिक थाती का विश्व में प्रसार कर सबके लिए सुख और शांति का मार्ग प्रशस्त करें. हम देशवासियों से इसके लिए आह्वान करते हैं. महाराज ने कहा कि जिस तरह से रावण का अहंकार उसे हरा देता है. इस तरह इन लोगों के अंदर भी अहंकार भरा हुआ है. साथ ही रामप्रवेश दास महाराज ने कहा कि उधयानिधि अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो इसको लेकर संत समाज अब आंदोलन की राह पर आ गया है. भोपाल सहित पूरे देश भर में एक विशाल आंदोलन चलाया जाएगा. जिसका नेतृत्व समाज के बड़े संत करेंगे.