भोपाल। सऊदी अरब ने तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat told Saudi Arabia ban wrong) पर प्रतिबंध लगा दिया है. सऊदी अरब ने तबलीगी जमात को आतंकवाद का एंट्री गेट बताया है. बैन लगने के बाद राजधानी भोपाल में तबलीगी जमात में हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन उनका कहना है कि तबलीगी जमात दुनिया में अमन चैन का संदेश फैलाता है. सऊदी अरब में जो बैन लगाया गया है, वह यूरोप के कारण लगा है. सऊदी अरब पर यूरोप का दबाव है. उनका बिजनेस वहीं से चलता है. इसी वजह से तबलीगी जमात को सऊदी ने बैन किया है.
क्या है तबलीगी जमात (What is Tablighi Jamaat)
भोपाल में तबलीगी जमात से ताल्लुक रखने वाले मौलाना सैय्यद अनस का कहना है कि तबलीगी जमात (ban on Tablighi Jamaat in mp) एक गैर राजनीतिक संस्था है. इनका काम अमन शांति का पैगाम देना है. धर्म का प्रचार तो ठीक लेकिन सबसे ज्यादा इस संस्था का काम लोगों में अमन शांति का संदेश देना है. भोपाल का जिक्र करते हुए मौलाना बताते हैं कि यहां ताज-उल-मस्जिद है. यहां तबलीगी इस्तिमा लगता रहा है. हमेशा से ही यहां पर जो मौलाना रहे उन्होंने सिर्फ शांति का संदेश दिया.
सिया और सुन्नी की जमात में क्या है फर्क (What is sia and sunni)
सुन्नी मुसलमान तबलीगी जमात में हैं, लेकिन सिया इससे दूर रहते हैं .इस पर मौलाना का कहना है कि ऐसा नहीं है इंसानियत की जो भी कौम है वह तबलीगी जमात के साथ है. इनका कहना है तबलीगी जमात को गलत तरीके से बताया जा रहा है. बल्कि तबलीगी का मतलब है भूखों को खाना खिलाना, प्यासे की प्यास बुझाना यही सबसे बड़ा धर्म है.
कोरोना काल में तबलीगी जमात पर हुआ था विवाद
मौलाना अनस का कहना है कि कोरोना काल में जिस तरह से तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat controversy in corona) को लेकर विवाद बनाए गए, वह बेफिजूल थे. दरअसल जो जमाते आई थीं, उसकी परमिशन तो केंद्र सरकार ने ही दी थी. यदि ऐसा था तो उनको रोक देना चाहिए था. ये केंद्र सरकार की कमी रही तबलीगी जमात को दोष देना गलत है.
तबलीगी जमात को बदनाम करने की सभी कोशिशें हुईं नाकाम : फुजैल अय्यूबी
बेन हटाने को लेकर देश के मौलाना जो कि तबलीगी जमात से नाता रखते हैं. उन्होंने सऊदी अरब को पत्र लिखकर बैन को गलत बताया है. मौलाना का कहना है कि अल्लाह उनको अक्ल देगा. अनस भी मानते हैं कि अभी फिलहाल बैन नहीं है. मौलाना बिरादरी इस मामले को लेकर सऊदी अरब से अपनी आपत्ति जता चुकी है.