भोपाल। कोरोना से बिगड़ी आर्थिक सेहत के चलते शिवराज सरकार एक बार फिर 1 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से लेने जा रही है. एक हफ्ते में दूसरा मौका है, जब सरकार कर्ज ले रही है. कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित हुई आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार 9 हजार करोड़ का कर्जा ले चुकी है. इस बार सरकार 20 साल के लिए कर्ज ले रही है. सरकार द्वारा लिए जा रहे कर्ज का उपयोग आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास योजनाओं को गति देने के लिए किया जाएगा.
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31 मार्च 2020 की स्थिति में देखा जाए तो, प्रदेश सरकार पर 2 लाख 1 हजार 989 करोड़ का कर्जा हो गया है. कोरोना काल को देखते हुए केंद्र सरकार से 4,440 करोड़ के अतिरिक्त लोन लेने की प्रदेश सरकार को पात्रता मिल चुकी है, जिसके बाद अब सरकार फिर एक हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. ये कर्ज सरकार 20 साल में चुकाएगी.
कहां से कितना लिया कर्ज ?
प्रदेश सरकार द्वारा 31 मार्च 2020 की स्थिति में 2 लाख 1 हजार 989 करोड़ का कर्ज लिया जा चुका है.
कहां से लिया कर्ज | कितना लिया कर्ज |
मार्केट | 1,15,532 करोड़ |
वित्तीय संस्थाएं | 10,766.58 करोड़ |
केंद्र सरकार | 20,938.81 करोड़ |
अन्य देनदारियां | 20,909.81 करोड़ |
स्पेशल सिक्योरिटी | 26,481.30 करोड़ |
मौजूदा वित्त वर्ष में कब-कब लिया कर्ज
8 अक्टूबर | 1000 करोड़ 20 साल के लिए |
3 अक्टूबर | 1000 करोड़ 12 साल के लिए |
15 सितंबर | 1000 करोड़ 13 साल के लिए |
5 सितंबर | 1000 करोड़ 13 साल के लिए |
7 अगस्त | 1000 करोड़ 15 साल के लिए |
3 जुलाई | 1000 करोड़ 15 साल के लिए |
13 जुलाई | 1000 करोड़ 15 साल के लिए |
8 जुलाई | 1000 करोड़ 15 साल के लिए |
6 जून | 500 करोड़ 10 साल के लिए |
30 मई | 500 करोड़ 10 साल के लिए |
1 अप्रैल | 500 करोड़ ढाई साल के लिए |
आमने-सामने बीजेपी-कांग्रेस
उधर सरकार द्वारा लिए जा रहे कर्ज लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया है कि, एक तरफ सरकार को वेतन भत्ते बांटने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करोड़ों की घोषणा कर रहे हैं. इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल के मुताबिक रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित की गई लिमिट के आधार पर ही प्रदेश सरकार विकास योजनाओं के लिए कर्ज ले रही है.