भोपाल। कहते हैं अगर ईश्वर आपको कोई चीज नहीं देता तो बहुत कुछ दे देता है. ऐसा ही देखने को मिलता है भोपाल की दृष्टिबाधित गायिका सरगम कुशवाहा में. सरगम आंखों से देख नहीं सकती बावजूद उनके कंठ पर सरस्वती विराजमान है. ऐसे ही कई बुजुर्ग और दिव्यांगों का सम्मान मुस्कान संगीत समूह द्वारा किया गया. होली और रंग पंचमी के अवसर पर कई रंगारंग और संगीतमय प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाता है. लोगों में भारतीय परंपरा के साथ संगीत के प्रति उनका रुझान बढ़े इसके लिए ऐसे आयोजन लगातार शहर में किए जा रहे हैं.
सरगम ने बांधा समा: लिटिल सिंगर सरगम कुशवाह जो दृष्टि बाधित हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर गायन स्पर्धाओं में परफॉर्म कर चुकी हैं. मुस्कान संगीत समूह द्वारा सम्मानित की गई. तो सरगम ने भी अपनी सुरीली आवाज से यहां बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं दूसरी ओर अनेक ऐसे कई गायक मंच पर अपने गीत की पेशकश करते नजर आए. जो 60 की आयु पार कर चुके हैं. दुष्यंत संग्रहालय, शिवाजी नगर में भूले बिसरे गीत की इन्होंने प्रस्तुत दी. 1960 के दशक से 2023 तक के गीत सुनाए गए. अनेक गायकों ने मधुर गीत सुनाए.
Also Read: रंग पंचमी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें |
पुरस्कार का वितरण: कार्यक्रम के विशेष अतिथि सेवानिवृत्त अपर संचालक जनसंपर्क जेपी कौशल और किरण वाधवानी ने सभी को पुरस्कार वितरित किए. प्रतिभाशाली गायक गायिकाओ में सुमन सेंगर, रोशनी, सुरेश तनवानी, मोहन बेलानी, भविशा बेलानी, मोना सक्सेना, शक्ति खरे, शोभा, बिंदु, राजेंद्र मालवीय, ओपी सेन, विक्रम सिंह आदि ने गीत सुनाए. इस दौरान उन्होंने फूलों की होली और एक दूसरे को गुलाल लगाकर रंग पंचमी की शुभकामनाएं भी दी.