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Ayushman Card: आज से MP के 622 प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा इलाज, जानिए क्या है वजह - 622 प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा इलाज

Ayushman Card News: अगर आप एमपी के निवासी हैं और आप आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत आते हैं तो आपके लिए एक दुखद खबर है. दरअसल आज से प्रदेश के 622 प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड को स्वीकार करने से मना कर दिया है, यानि की अब आपको इन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह क्या है.

Ayushman Card
आयुष्मान कार्ड योजना
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Published : Apr 15, 2023, 10:51 AM IST

Updated : Apr 15, 2023, 11:31 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड योजना की शुरुआत फ्री इलाज के लिए गई थी, जिससे गरीबों का मुफ्त में इलाज हो सके, लेकिन अब ये योजना प्राइवेट अस्पतालों के लिए गले की हड्डी बन गई है. दरअसल निजी अस्पतालों को इस योजना से भारी नुकसान हो रहा है. प्राइवेट अस्पताल संचालकों का कहना है कि उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा है, जिसके चलते ही ये निर्णय लिया जा रहा है. बता दें कि आज से करीब 622 प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना को बंद किया जाएगा.

अस्पतालों में इसलिए बंद होगी आयुष्मान कार्ड योजना: यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि "प्राइवेट अस्पताल संचालक सरकार से खासा नाराज हैं, इनका कहना है कि आयुष्मान योजना के तहत दिए जाने उपचार का भुगतान नहीं किया जा रहा है. बीते 3 से 15 महीनों का 600 से 900 करोड़ रूपए आज तक नहीं दिया गया है, ऐसे में अस्पतालों पर संकट जूझने लगा है और इसी के चलते सभी प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने मिलकर फैसला किया है कि आज 15 अप्रैल शाम 5 बजे के बाद प्रदेश के करीब 622 प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा. हम इसे पूरी तरह से बंद देंगे."

पहले समय से होता था भुगतान: यूनाइडेट प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि "सरकार ने जब 2018 में आयुष्मान योजना शुरू किया था तब सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच एक एमओयू साइन हुआ था. इसके तहत आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों की फाइल अपलोड करने के 30 दिनों के अंदर सरकार इसका भुगतान कर देती थी. इतना ही नहीं अन्य राज्यों के भी मरीजों की फाइल अपलोड करने के 7-10 दिन के अंदर अस्पतालों को भुगतान मिल जाता था. लेकिन पिछले कुछ महीनों से भुगतान नहीं मिला, जिससे कुछ अस्पताल तो अब दिवालिया होने की स्थिति में आ गए हैं."

कोर्ट की शरण लेगा एसोसिएशन: भोपाल अस्पताल एसोसिएशन के अध्यक्ष, डॉ जिशान अहमद ने बताया कि "7-15 महीने में अकेले भोपाल के 100 करोड़ तो समूचे मध्यप्रदेश के 600 करोड़ रूपए का भुगतान होना शेष है. भुगतान नहीं होने से अस्पताल के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है, जिससे आगे सेवाएं देना संभव नहीं है. सरकार 31 मार्च 2023 तक के पेमेंट सेटलमेंट नहीं करती है तो अब हम न्यायालय की शरण में जाएंगे." आपको बता दे कि भुगतान नहीं होने से आर्थिक संकट झेल रहे रीवा जिले के सभी निजी चिकित्सालयों ने 10 अप्रैल से ही आयुष्मान योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है.

MUST READ:

सरकार से यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर्स एसोसिएशन की मांगें

  1. आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज का भुगतान समय पर किया जाए और 31 मार्च 2023 तक के सभी लंबित निजी अस्पतालों का भुगतान किया जाए.
  2. भविष्य में इस योजना के अंतर्गत दी गई सेवाओं का शासन द्वारा नियमानुसार 30 से 45 दिन के अंदर भुगतान करे.
  3. आयुष्मान भारत निरामयम की कार्य योजना समिति का गठन किया जाए और इसमें सरकारी पदाधिकारियों के साथ ही सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाए. इसके अलावा 20% निजी अस्पतालों के पदाधिकारियों को भी अधिकृत प्रतिनिधि का दर्जा मिले.

भोपाल। मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड योजना की शुरुआत फ्री इलाज के लिए गई थी, जिससे गरीबों का मुफ्त में इलाज हो सके, लेकिन अब ये योजना प्राइवेट अस्पतालों के लिए गले की हड्डी बन गई है. दरअसल निजी अस्पतालों को इस योजना से भारी नुकसान हो रहा है. प्राइवेट अस्पताल संचालकों का कहना है कि उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा है, जिसके चलते ही ये निर्णय लिया जा रहा है. बता दें कि आज से करीब 622 प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना को बंद किया जाएगा.

अस्पतालों में इसलिए बंद होगी आयुष्मान कार्ड योजना: यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि "प्राइवेट अस्पताल संचालक सरकार से खासा नाराज हैं, इनका कहना है कि आयुष्मान योजना के तहत दिए जाने उपचार का भुगतान नहीं किया जा रहा है. बीते 3 से 15 महीनों का 600 से 900 करोड़ रूपए आज तक नहीं दिया गया है, ऐसे में अस्पतालों पर संकट जूझने लगा है और इसी के चलते सभी प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने मिलकर फैसला किया है कि आज 15 अप्रैल शाम 5 बजे के बाद प्रदेश के करीब 622 प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा. हम इसे पूरी तरह से बंद देंगे."

पहले समय से होता था भुगतान: यूनाइडेट प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि "सरकार ने जब 2018 में आयुष्मान योजना शुरू किया था तब सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच एक एमओयू साइन हुआ था. इसके तहत आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों की फाइल अपलोड करने के 30 दिनों के अंदर सरकार इसका भुगतान कर देती थी. इतना ही नहीं अन्य राज्यों के भी मरीजों की फाइल अपलोड करने के 7-10 दिन के अंदर अस्पतालों को भुगतान मिल जाता था. लेकिन पिछले कुछ महीनों से भुगतान नहीं मिला, जिससे कुछ अस्पताल तो अब दिवालिया होने की स्थिति में आ गए हैं."

कोर्ट की शरण लेगा एसोसिएशन: भोपाल अस्पताल एसोसिएशन के अध्यक्ष, डॉ जिशान अहमद ने बताया कि "7-15 महीने में अकेले भोपाल के 100 करोड़ तो समूचे मध्यप्रदेश के 600 करोड़ रूपए का भुगतान होना शेष है. भुगतान नहीं होने से अस्पताल के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है, जिससे आगे सेवाएं देना संभव नहीं है. सरकार 31 मार्च 2023 तक के पेमेंट सेटलमेंट नहीं करती है तो अब हम न्यायालय की शरण में जाएंगे." आपको बता दे कि भुगतान नहीं होने से आर्थिक संकट झेल रहे रीवा जिले के सभी निजी चिकित्सालयों ने 10 अप्रैल से ही आयुष्मान योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है.

MUST READ:

सरकार से यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर्स एसोसिएशन की मांगें

  1. आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज का भुगतान समय पर किया जाए और 31 मार्च 2023 तक के सभी लंबित निजी अस्पतालों का भुगतान किया जाए.
  2. भविष्य में इस योजना के अंतर्गत दी गई सेवाओं का शासन द्वारा नियमानुसार 30 से 45 दिन के अंदर भुगतान करे.
  3. आयुष्मान भारत निरामयम की कार्य योजना समिति का गठन किया जाए और इसमें सरकारी पदाधिकारियों के साथ ही सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाए. इसके अलावा 20% निजी अस्पतालों के पदाधिकारियों को भी अधिकृत प्रतिनिधि का दर्जा मिले.
Last Updated : Apr 15, 2023, 11:31 AM IST
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