भोपाल। कमलनाथ सरकार में हो रहे तबादलों पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने कहा कि जिस तरह से ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है, कहीं न कहीं इसका संबंध तुगलक रोड चुनावी घोटाले से लगता है. इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के राज में कहां से तबादलों का कारोबार चलता था और किसके घर पर नोट गिनने की मशीन मिली थी. ये सबको पता है. कमलनाथ सरकार बनते ही जहां बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे, वहीं लोकसभा चुनाव के बाद भी तबादलों का सिलसिला जारी है.
कमलनाथ सरकार में रोजाना हो रहे तबादलों को लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कमलनाथ सरकार का एक ही परिचय है और एक ही उपलब्धि है. ट्रांसफर-पोस्टिंग, ट्रांसफर-पोस्टिंग. एक-एक अधिकारी के 4-4, 5-5 बार ट्रांसफर यहां से वहां, वहां से यहां हो चुके हैं. जो तुगलक रोड चुनावी घोटाला था, वो निश्चित रूप से ट्रांसफर पोस्टिंग का माल था. कमलनाथ को जवाब देना चाहिए. ट्रांसफर पोस्टिंग का कोई हल नहीं निकला है, जबकि पूरी तरह से बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त हो चुकी हैं. रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कमलनाथ न तो बिजली दे पा रहे हैं, न भीषण गर्मी में लोगों की प्यास बुझा पा रहे हैं. सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं. सरकार मस्त है और जनता त्रस्त है.
बीजेपी के आरोपों पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि जो लोग सवाल उठा रहे हैं, ये वो लोग हैं जिनकी सरकार के समय 2003 में थोकबंद तबादले हुए थे. बीजेपी के मंत्रियों के घर से तबादलों की नोट शीट निकली है. घरों पर नोट गिनने की मशीन निकली है, जबकि इस सरकार में तबादले सामान्य प्रक्रिया के तहत हो रहे हैं. जो जरूरी हैं वो तबादले किए जा रहे हैं. जहां से शिकायतें आ रही हैं, उनके तबादले हो रहे हैं. भाजपा की तरह तबादला हमारा व्यापार नहीं है. बीजेपी के समय तबादला व्यापार था और कौन संचालित करता था, किसके घर नोट गिनने की मशीनें मिलती थीं, किसके घर से व्यापार संचालित होता था, पर्दे के पीछे कौन भूमिका निभाता था, ये सबको पता है.