भोपाल।विधानसभा चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर है.कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार पर पिछले 7 माह से प्रदेश की 54 लाख महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी स्कीमों का पैसा नहीं दिए जाने का बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 7 माह में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी 7 योजनाओं का 2300 करोड़ रुपये सरकार ने हितग्राहियों के खाते में नहीं डाला. उन्होंने कहा कि सरकार नकल करके लाड़ली बहना योजना लेकर आई लेकिन इस योजना के लिए सरकार ने बाकी 7 योजनाओं को हाशिए पर रख दिया. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने केन्द्र और प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि आखिर 2300 करोड़ की यह राशि कहां और किसके खाते में गई.
7 योजनाओं के 2300 करोड़ कहां गए ? :कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इन सभी 7 योजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के वित्त विभाग के दस्तावेजों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, राष्ट्रीय निशक्तजन पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित 7 योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इन सात योजनाओं से प्रदेश की 54 लाख महिला हितग्राही जुड़ी हुई हैं.
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इन महिलाओं को इन योजनाओं के जरिए पिछले 7 माह में 23 सौ करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी थी लेकिन सरकार ने इनके खातों में एक पैसा भी नहीं डाला. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की बात करें तो इस योजना में ही 30 लाख से ज्यादा महिला हितग्राही जुड़ी हुई हैं, जिन्हें इस योजना के तहत हर माह 185 करोड़ रुपए दिया जाना था.
150 योजनाओं की हकीकत भी बताएंगे: सुरजेवाला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही 150 से ज्यादा योजनाओं की हकीकत जल्द ही लोगों के सामने रखी जाएगी. इन योजनाओं में भी लगभग 50 हजार करोड़ की राशि हितग्राहियों को नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताना चाहिए कि आखिर यह पूरा पैसा कहां गया.
उन्होंने कहा कि नकल के लिए भी अक्ल की जरुरत होती है लेकिन बीजेपी को नकल करनी नहीं आती. बीजेपी ने 18 सालों तक महिलाओं को लेकर योजना के बारे में नहीं सोचा लेकिन जैसे ही कमलनाथ ने महिलाओं को लेकर योजना की घोषणा की तो शिवराज सरकार ने उसे कॉपी कर लिया. एक तरफ वे 1 हजार दे रहे हैं तो दूसरी तरफ 3 हजार उनकी जेब से निकाल रहे हैं. यह राजनीतिक बेईमानी है लेकिन इससे महिलाओं को वे छल नहीं सकेंगे.