भोपाल। उज्जैन सहित संभाग के सात जिलों में पिछले 4 सालों में साढ़े 14 हजार महिलाओं ने गर्भपात कराया है. बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया के सवाल के जवाब में विधानसभा में यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने दी है. सदन में अपने जवाब में मंत्री ने बताया कि इस साल दो माह में ही 375 महिलाओं ने गर्भपात कराया है. यह गर्भपात महिलाओं की इच्छा पर ही किए गए हैं. जवाब में गर्भपात का कारण भी बताया गया है.
हर साल बढ़ रही गर्भपात की संख्या: बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने उज्जैन और संभाग के जिलों में गर्भपात के आंकड़ों और इसके कारणों के बारे में मंत्री से सवाल पूछा था. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया कि जनवरी 2019 से लेकर 2023 में सवाल पूछे जाने की तारीख तक 18 साल और उससे अधिक की 14 हजार 536 महिलाओं ने गर्भपात कराए हैं.
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गर्भपात कराने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है:
- साल 2019 में 2816 महिलाओं ने गर्भपात कराया था.
- साल 2020 में 3024 महिलाओं ने गर्भपात कराया.
- साल 2021 में 3508 महिलाओं ने गर्भपात कराया.
- साल 2022 में गर्भपात कराने वाली महिलाओं की संख्या 4113 हो गई
- साल 2023 में दो महीने में 375 महिलाओं ने गर्भपात कराया है.
गर्भपात की सरकार ने बताई ये वजह: सरकार ने बताया है कि यह आंकड़े उज्जैन संभाग के उज्जैन, आगर मालवा, शाजापुर, देवास, रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों के हैं. जवाब में बताया कि गर्भपात महिलाओं की इच्छा पर किए गए हैं. हालांकि इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं. इसमें बलात्कार के कारण महिलाएं इन बच्चों को इस दुनिया में नहीं आने देना चाहती थीं. कई मामलों में उनके और बच्चे के स्वास्थ्य का खतरा बताया गया. कुछ मामलों में बच्चों के दिव्यांग पैदा होने की संभावना से गर्भपात कराया गया.