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माध्यमिक शिक्षा मंडल शुरू करेगा अपना यूट्यूब चैनल, विद्यार्थी ऑनलाइन कर सकेंगे पढ़ाई

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Published : Oct 31, 2020, 12:56 PM IST

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल और उच्च शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए नई पहल की है, जिसके तहत माध्यमिक शिक्षा मंडल अपना यूट्यूब चैनल बनाने जा रहा है, जिसका नाम माशिमं टूटोरियल रखा गया है, जिसकी मदद से छात्र पढ़ाई कर सकेंगे.

MP Board of Secondary Education
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल

भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में विद्यार्थियों को भारी परेशानियां उठानी पड़ी है. इस दौरान कई कक्षाओं की परीक्षाओं को निरस्त करना पड़ा है तो वहीं कोरोना संक्रमण के बीच कुछ कक्षाओं की परीक्षाएं भी देनी पड़ी है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल आगामी माह तक खुलते दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऐसी परिस्थितियों में ऑनलाइन पढ़ाई ही एक प्रमुख माध्यम बना हुआ है और इस दौरान प्राइवेट कोचिंग इंस्टिट्यूट के द्वारा अपने विद्यार्थियों को अलग-अलग माध्यमों से पढ़ाई कराई जा रही है.

अब इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल और उच्च शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए नई पहल की है, यही वजह है कि अब प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट की तरह है माध्यमिक शिक्षा मंडल अपना यूट्यूब चैनल बनाने जा रहा है. वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने भी कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए यूट्यूब पर विभिन्न विषयों के वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया है. हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा बच्चों को पढ़ाई के लिए इस तरह से वीडियो अपलोड करने की शुरुआत काफी पहले हो जानी चाहिए थी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा मंडल के बीच सही समन्वय न होने की वजह से इसे शुरू करने में काफी देर हुई है.

ये भी पढे़ं--ऑनलाइन क्लास के साथ शुरु हुआ कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र, पहले दिन कम रही छात्रों का संख्या


नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने में मिलेगी मदद

इस तरह के नवाचार का केवल यही उद्देश्य है कि विद्यार्थी कहीं भी और कभी भी अपनी पढ़ाई को निरंतर कर सकता है. पढ़ाई में आ रही बाधाओं को इस नवाचार के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जब तक स्कूल एवं कॉलेज नहीं खुलते हैं तब तक इस तरह से विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखी जाए.

ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही थी विद्यार्थियों के सामने कई तरह की मुश्किलें

अब तक विद्यार्थियों को ऐप के जरिए ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होना होता था इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित थी, ऐसे में यदि विद्यार्थी तय समय सीमा में ऑनलाइन कक्षा में शामिल नहीं हो पाते थे, तो उसकी पढ़ाई भी नहीं हो पाती थी, लेकिन अब विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार यूट्यूब के माध्यम से पढ़ाई कर सकेगा. यहां पर अलग-अलग विषयों के वीडियो अपलोड किया कर दिए जाएंगे.

माशिमं टूटोरियल नाम से बनाया जाएगा चैनल

माध्यमिक शिक्षा मंडल के इस चैनल का नाम माशिमं टूटोरियल होगा. इसके माध्यम से कक्षा नवी से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थी सभी विषयों की पढ़ाई आसानी से कर सकेंगे, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ऑडियो/वीडियो टूटोरियल माडरेशन समिति बनाई है. इस समिति में प्रत्येक विषय के 100 शिक्षकों को शामिल किया गया है, इस समिति में मंडल ने निजी स्कूल के 60 शिक्षकों को भी सम्मिलित किया है. इसमें शिक्षकों को अपने-अपने विषय का ऑडियो और वीडियो बनाकर समिति के सामने प्रेजेंटेशन देना है. फिर मंडल समिति के माध्यम से इनका परीक्षण कराकर यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा. इस कार्य के लिए निजी स्कूलों के शिक्षकों को 500 और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को 200 रुपए प्रतिदिन मिलेगा.

विश्वविद्यालयों की मदद से लेक्चर किए गए तैयार

उच्च शिक्षा विभाग ने पारंपरिक कोर्सेस संचालित करने वाले सभी विश्वविद्यालयों की मदद से वीडियो लेक्चर तैयार कराए गए है. बता दें, कि कुछ दिनों पहले ही उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा अलग-अलग विश्वविद्यालयों को अलग-अलग विषयों के लेक्चर तैयार कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, इसके तथ्यों को मॉनिटरिंग करने के लिए विभाग ने 7 प्रोफेसरों को यह जिम्मेदारी भी सौंपी है, कि यह समय समय पर देखेंगे की कोर्सेस अपडेट किए जा रहे हैं या नहीं, इसके अलावा इसमें क्या नया किया जा सकता है, इसे लेकर भी लगातार विचार विमर्श किया जाएगा, साथ ही निरंतर इस कार्य की मॉनिटरिंग भी की जाएगी.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में विद्यार्थियों को भारी परेशानियां उठानी पड़ी है. इस दौरान कई कक्षाओं की परीक्षाओं को निरस्त करना पड़ा है तो वहीं कोरोना संक्रमण के बीच कुछ कक्षाओं की परीक्षाएं भी देनी पड़ी है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल आगामी माह तक खुलते दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऐसी परिस्थितियों में ऑनलाइन पढ़ाई ही एक प्रमुख माध्यम बना हुआ है और इस दौरान प्राइवेट कोचिंग इंस्टिट्यूट के द्वारा अपने विद्यार्थियों को अलग-अलग माध्यमों से पढ़ाई कराई जा रही है.

अब इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल और उच्च शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए नई पहल की है, यही वजह है कि अब प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट की तरह है माध्यमिक शिक्षा मंडल अपना यूट्यूब चैनल बनाने जा रहा है. वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने भी कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए यूट्यूब पर विभिन्न विषयों के वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया है. हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा बच्चों को पढ़ाई के लिए इस तरह से वीडियो अपलोड करने की शुरुआत काफी पहले हो जानी चाहिए थी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा मंडल के बीच सही समन्वय न होने की वजह से इसे शुरू करने में काफी देर हुई है.

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नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने में मिलेगी मदद

इस तरह के नवाचार का केवल यही उद्देश्य है कि विद्यार्थी कहीं भी और कभी भी अपनी पढ़ाई को निरंतर कर सकता है. पढ़ाई में आ रही बाधाओं को इस नवाचार के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जब तक स्कूल एवं कॉलेज नहीं खुलते हैं तब तक इस तरह से विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखी जाए.

ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही थी विद्यार्थियों के सामने कई तरह की मुश्किलें

अब तक विद्यार्थियों को ऐप के जरिए ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होना होता था इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित थी, ऐसे में यदि विद्यार्थी तय समय सीमा में ऑनलाइन कक्षा में शामिल नहीं हो पाते थे, तो उसकी पढ़ाई भी नहीं हो पाती थी, लेकिन अब विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार यूट्यूब के माध्यम से पढ़ाई कर सकेगा. यहां पर अलग-अलग विषयों के वीडियो अपलोड किया कर दिए जाएंगे.

माशिमं टूटोरियल नाम से बनाया जाएगा चैनल

माध्यमिक शिक्षा मंडल के इस चैनल का नाम माशिमं टूटोरियल होगा. इसके माध्यम से कक्षा नवी से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थी सभी विषयों की पढ़ाई आसानी से कर सकेंगे, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ऑडियो/वीडियो टूटोरियल माडरेशन समिति बनाई है. इस समिति में प्रत्येक विषय के 100 शिक्षकों को शामिल किया गया है, इस समिति में मंडल ने निजी स्कूल के 60 शिक्षकों को भी सम्मिलित किया है. इसमें शिक्षकों को अपने-अपने विषय का ऑडियो और वीडियो बनाकर समिति के सामने प्रेजेंटेशन देना है. फिर मंडल समिति के माध्यम से इनका परीक्षण कराकर यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा. इस कार्य के लिए निजी स्कूलों के शिक्षकों को 500 और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को 200 रुपए प्रतिदिन मिलेगा.

विश्वविद्यालयों की मदद से लेक्चर किए गए तैयार

उच्च शिक्षा विभाग ने पारंपरिक कोर्सेस संचालित करने वाले सभी विश्वविद्यालयों की मदद से वीडियो लेक्चर तैयार कराए गए है. बता दें, कि कुछ दिनों पहले ही उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा अलग-अलग विश्वविद्यालयों को अलग-अलग विषयों के लेक्चर तैयार कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, इसके तथ्यों को मॉनिटरिंग करने के लिए विभाग ने 7 प्रोफेसरों को यह जिम्मेदारी भी सौंपी है, कि यह समय समय पर देखेंगे की कोर्सेस अपडेट किए जा रहे हैं या नहीं, इसके अलावा इसमें क्या नया किया जा सकता है, इसे लेकर भी लगातार विचार विमर्श किया जाएगा, साथ ही निरंतर इस कार्य की मॉनिटरिंग भी की जाएगी.

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