भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून सत्र 15वीं विधानसभा का आखिरी सत्र भी हो सकता है. इस सत्र में अनुपूरक बजट के अलावा करीब एक दर्जन विधेयक भी पेश होंगे. इस सत्र में विधायकों का जोर होगा कि वह ज्यादा से ज्यादा समय अपने विधानसभा क्षेत्र में गुजारें और साथ ही जितने ज्यादा सवाल अपने क्षेत्र के पूछ सकें,वह पूछें. दोनों दलों की निगाह में विधासनभा चुनाव में उठने वाले मुद्दे रहेंगे.
बजट सत्र में हुआ था जोरदार हंगामा : बजट सत्र में जीतू पटवारी का निलंबन किया गया था. उसके खिलाफ कांग्रेस ने लामबंद होकर विधानसभा अध्यक्ष खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दी थी, लेकिन उसको ग्राह नही किया गया. हंगामा हुआ और विधानसभा अनिश्चकाल के लिए स्थगित हो गई. कांग्रेस ने जीतू पटवारी के निलंबन का विरोध किया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लोकतांत्रिक कदम बताया और आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर जीतू पटवारी का निलंबन किया गया. जिससे बाकी विधायक अपनी आवाज ना उठा सकें. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव रखा था.
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जीतू पटवारी के मुद्दे पर हंगामा : कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकारी खर्चे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय में लाखों का भोज दिए जाने का खुलासा किया था. पटवारी ने विधानसभा में कहा था कि मध्यप्रदेश के जानवर रिलायंस फाउंडेशन को दिए गए और बदले में सरकार छिपकली और सांप बिच्छू ले आई. इसे लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. सत्तापक्ष ने जीतू पटवारी पर गलत जानकारी का आरोप लगाते हुए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष से निलंबन की कार्रवाई करने को कहा. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस व बीजेपी में बयानों के खूब तीर चले थे.