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किसी भी काम की सफलता के पीछे नीति से ज्यादा जरूरी है इच्छाशक्ति: सीएम कमलनाथ

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Published : Jul 19, 2019, 11:45 AM IST

Updated : Jul 19, 2019, 2:42 PM IST

फूड पार्क की वर्तमान स्थिति और खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थिति जानने के लिए सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही सीएम ने अधिकारियों को इससे संबंधित जरूरी निर्देश भी दिए.

सीएम कमलनाथ ने की अधिकारियों के साथ बैठक

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फूड पार्क की वर्तमान स्थिति और खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थिति को जानने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग विभागों को मार्च के अंत तक नई खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थापना के नए लक्ष्य तय कर उनका व्यावसायिक संचालन शुरू करवाने के निर्देश दिए गए हैं.

सीएम कमलनाथ ने की अधिकारियों के साथ बैठक

वर्तमान में प्रभावी खाद्य प्रसंस्करण नीति 2014 के बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नीति से ज्यादा जरूरी है इच्छाशक्ति. कई राज्य बिना किसी खाद्य प्रसंस्करण नीति के भी उत्कृष्ट काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर छिंदवाड़ा में आर्किड पार्क और मंदसौर में लहसुन, गुना में धनिया प्रसंस्करण पार्क, कलस्टर या अन्य स्थानों पर किसी और प्रसंस्करण ईकाईयों की संभावना बनती है, तो तत्काल कार्रवाई करें. जो निवेशक या उद्यमी प्रदेश में अपनी रुचि दिखाते हैं, उन्हें तत्काल सहयोग दें. उन्होंने छिन्दवाड़ा में आर्किड पार्क के लिए 7 दिनों में कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि डाबर कंपनी ने आयुर्वेद औषधि पार्क के लिए मध्यप्रदेश को चुना है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि यथासंभव प्रदेश के उद्यमियों को ही फूड पार्क में खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें पूरा सहयोग करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फलों और औषधीय पौधों के प्रसंस्करण की भी व्यापक संभावनाएं है. इसके चलते आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान का नया क्षेत्र खुल रहा है. समय रहते इन संभावनाओं का भरपूर दोहन करने के लिए रणनीति बनाएं, साथ ही संबंधित विभाग खुद उद्यमियों और निवेशकों के पास जाएं और उन्हें अपनी ईकाईयां प्रदेश में लगाने के लिए प्रेरित करें.

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फूड पार्क की वर्तमान स्थिति और खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थिति को जानने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग विभागों को मार्च के अंत तक नई खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थापना के नए लक्ष्य तय कर उनका व्यावसायिक संचालन शुरू करवाने के निर्देश दिए गए हैं.

सीएम कमलनाथ ने की अधिकारियों के साथ बैठक

वर्तमान में प्रभावी खाद्य प्रसंस्करण नीति 2014 के बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नीति से ज्यादा जरूरी है इच्छाशक्ति. कई राज्य बिना किसी खाद्य प्रसंस्करण नीति के भी उत्कृष्ट काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर छिंदवाड़ा में आर्किड पार्क और मंदसौर में लहसुन, गुना में धनिया प्रसंस्करण पार्क, कलस्टर या अन्य स्थानों पर किसी और प्रसंस्करण ईकाईयों की संभावना बनती है, तो तत्काल कार्रवाई करें. जो निवेशक या उद्यमी प्रदेश में अपनी रुचि दिखाते हैं, उन्हें तत्काल सहयोग दें. उन्होंने छिन्दवाड़ा में आर्किड पार्क के लिए 7 दिनों में कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि डाबर कंपनी ने आयुर्वेद औषधि पार्क के लिए मध्यप्रदेश को चुना है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि यथासंभव प्रदेश के उद्यमियों को ही फूड पार्क में खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें पूरा सहयोग करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फलों और औषधीय पौधों के प्रसंस्करण की भी व्यापक संभावनाएं है. इसके चलते आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान का नया क्षेत्र खुल रहा है. समय रहते इन संभावनाओं का भरपूर दोहन करने के लिए रणनीति बनाएं, साथ ही संबंधित विभाग खुद उद्यमियों और निवेशकों के पास जाएं और उन्हें अपनी ईकाईयां प्रदेश में लगाने के लिए प्रेरित करें.

Intro:किसी भी काम की सफलता के पीछे नीति से ज्यादा जरूरी है इच्छाशक्ति - मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल | विधानसभा की कार्यवाही से फुर्सत होकर देश राम मंत्रालय पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फूड पार्क की वर्तमान स्थिति और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थिति को जानने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की . इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग विभागों को मार्च के अंत तक नई खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के नये लक्ष्य तय कर उनका व्यावसायिक संचालन शुरू करवाने की कार्रवाई की जाए . बैठक में कृषि मंत्री सचिव यादव उपस्थित थे .
Body:वर्तमान में प्रभावी खाद्य प्रसंस्करण नीति 2014 के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति से ज्यादा जरूरी है इच्छा शक्ति . कई राज्य बिना किसी खाद्य प्रसंस्करण नीति के भी उत्कृष्ट काम कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि यदि छिन्दवाड़ा में आर्किड पार्क और मंदसौर में लहसुन, गुना में धनिया प्रसंस्करण पार्क, क्लस्टर या अन्य स्थानों पर किसी और प्रसंस्करण इकाईयों की संभावना बनती है तो तत्काल कार्यवाही करें . जो निवेशक या उद्यमी प्रदेश में अपनी रूचि दिखाते हैं उन्हें तत्काल सहयोग दें . उन्होंने छिन्दवाड़ा में आर्किड पार्क के लिए सात दिन में कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि डाबर कंपनी ने आयुर्वेद औषधि पार्क के लिए मध्यप्रदेश को चुना है .
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की अनंत संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि फूड पार्क में सिर्फ प्लाट आवंटन और थोडे़ से अधोसंरचनात्मक सहयोग से प्रगति का आकलन ठीक नहीं है . इकाईयों की सफलता उनके व्यावसायिक उत्पादन और उनके उत्पादों की बिक्री से तय होनी चाहिए . अधोसंरचना उपलब्ध कराना सिर्फ प्रारंभिक काम है . Conclusion:मुख्यमंत्री ने कहा कि यथासंभव प्रदेश के उद्यमियों को ही फूड पार्क में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित करें तथा उन्हें पूरा सहयोग करें . मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फलों और औषधीय पौधों के प्रसंस्करण की भी व्यापक संभावनाएँ है . इसके चलते आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान का नया क्षेत्र खुल रहा है . समय रहते इन संभावनाओं का भरपूर दोहन करने के लिए रणनीति बनाएँ . संबंधित विभाग स्वयं उद्यमियों और निवेशकों के पास जायें और उन्हें अपनी इकाईयाँ प्रदेश में लगाने के लिए प्रेरित करें .
Last Updated : Jul 19, 2019, 2:42 PM IST
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