भोपाल। मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में सुनवाई को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया है. बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर एनआईए के सामने पेश हुईं. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य और सुरक्षा के आधार पर अदालत में रोजाना उपस्थिति को लेकर छूट मांगी, जिसके बाद कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को एक अर्जी दाखिल करने के लिए कहा. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब भी उन्हें पेश होने के लिए कहा जाए, उनकी उपस्थिति होनी चाहिए.
आज एनआई के सामने पेश होने के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह आज भोपाल से कल मुंबई के लिए रवाना हो गई थीं. इससे पहले दो बार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पेशी पर एनआईए कोर्ट नहीं पहुंच सकी थीं. इससे पहले साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर दो बार कोर्ट के सामने पेश नहीं हो सकी थीं.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा एलटी कर्नल पुरोहित, चतुर्वेदी और कुलकर्णी, अजय रहीरकर, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय और सुधाकर द्विवेदी भी मामले में आरोपी हैं. यह चारों आरोपी भी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए थे, जिस पर कोर्ट में चार जनवरी सुनवाई के लिए अगली तारीख तय की गई थी. कोर्ट के सामने सभी आरोपियों को पेश होने के निर्देश दिए गए थे. लिहाजा प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी आरोपी चार जनवरी को मुंबई की विशेष अदालत में पेश होंगे.
क्या बोलीं सांसद साध्वी प्रज्ञा ?
कोर्ट में पेश नहीं होने के सवाल पर सांसद साध्वी ने कहा कि पिछली डेट पर वो कोर्ट के सामने पेश हुईं थी,वहीं उससे पिछली डेट पर वे एम्स में भर्ती थीं, उनका इलाज चल रहा है. सासंद ने कहा कि मुझे कई तकलीफें हैं, जो कांग्रेस की देन है, लेकिन मैं उन तकलीफों से ठीक हो रही हूं. सांसद ने कहा जो मुझे मार देना चाहते हैं, वो मार नहीं पा रहे हैं. मैं स्वस्थ्य होकर वापस कोर्ट आ रही हूं.
स्वास्थ्य के चलते दो बार नहीं हुईं कोर्ट में पेश
मुंबई की विशेष अदालत ने मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में सबसे पहले तीन दिसंबर को सुनवाई के लिए प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे. इस दौरान कोविड-19 का हवाला देकर सभी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए. इसके बाद 19 दिसंबर को फिर से कोर्ट में सुनवाई थी, लेकिन इस दौरान भी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एम्स दिल्ली में इलाज करवा रही थी. वहीं नेहा जवाहर भी मुंबई कोर्ट में पेश नहीं हो सकीं.