मध्यप्रदेश कांग्रेस में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस बात की गवाही लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान दे रहे हैं. हाल में सिंधिया के एक बयान ने सूबे की सियासत में खलबली मचा दी. टीकमगढ़ में जब सिंधिया ने खुले मंच से कमलनाथ सरकार को सड़क पर उतरने की चेतावनी दी तो कांग्रेस की अंतर्कलह एक बार फिर सबके सामने आ गई.
सिंधिया के समर्थन में उतरे कमलनाथ सरकार के मंत्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सरकार को आगाह करने के बाद उनके समर्थन में कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्री भी उतर गए. सिंधिया के बयान के बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री दो गुटों में बंटे नजर आए. इतना ही नहीं सिंधिया के बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अपने तेवर भी गरम रखे.
बीजेपी हुई हमलावर तो कमलनाथ ने किया डैमेज कंट्रोल
कांग्रेस के बीच जारी तकरार पर जब बीजेपी नेताओं ने हमला बोला तो कमलनाथ एक तरह से डैमेज कंट्रोल में जुट गए. अपनी रानीतिक समझ का सही उपयोग कर हुए उन्होंने सिंधिया को साधने की कोशिश तो की ही साथ ही बीजेपी का मुंह बद कर दिया. इधर शिवराज कांग्रेस की लड़ाई का लाभ लेते नजर आए. सीएम कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बढ़ी तकरार के बीच मैदान में उतने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की. ऐसा पहली बार हुआ जब दिग्विजय सिंह सिंधिया के समर्थन में उतरे हों.
क्या है सिंधिया की नाराजगी की वजह?
ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी की वजह लोकसभा चुनाव में मिली हार को तो माना ही जा रहा है, साथ-साथ 15 साल बाद सत्ता में आई पार्टी की सरकार में सीमित दखलंदाजी भी मुख्यवजह मानी जा रही है. क्योंकि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए सिंधिया ने पूरी ताकत झोंक दी थी और चंबल अंचल की 34 सीटों में से 25 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे. चुनाव के बाद सिंधिया के मुख्यमंत्री पद की रेस में कमलनाथ को टक्कर दे रहे थे, लेकिन अंत में केंद्रीय नेतृत्व की समझाइश के बाद वह पीछे हट गए और कमलनाथ ने सूबे की कमान संभाली.
बीजेपी से पिछड़ी कांग्रेस
अब कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गए हैं तो प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी खींचतान चल रही है. एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अबतक एमपी कांग्रेस ने अपना नया अध्यक्ष तय नहीं किया है. इस रेस में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकल गई है. सिंधिया सरकार के खिलाफ कभी कर्जमाफी तो कभी वचन पत्र को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. इसकी बड़ी वजह राज्यसभा को लेकर मची खींचतान को भी माना जा रहा है, क्योंकि दिग्विजय सिंह के अलावा मध्यप्रदेश से प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजने की अटकलें तेज हैं. बहराल देखना होगा कि सिंधिया पर मची ये महाभारत आखिर कहां तक जाती है.