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जनजाति सुरक्षा मंच ने सीएम से की मुलाकात, धर्मान्तरितों का आरक्षण खत्म करने का दिया सुझाव

जनजाति सुरक्षा मंच मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और धर्मान्तरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची से अलग कर उन्हें दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करने का सुझाव दिया.

Tribe Safety Forum submitted memorandum to CM
जनजाति सुरक्षा मंच ने सीएम को सैंपा ज्ञापन
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Published : Oct 30, 2020, 3:08 AM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुरूवार को उनके निवास पर जनजाति सुरक्षा मंच मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक सुढाव पत्र सौंपा. जनजाति मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिए गए सुझाव पत्र में कहा कि, धर्मान्तरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची से अलग कर उन्हें दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करना चाहिए.

वास्तविक जनजातियों को मिले पूरा न्याय

जनजाति सुरक्षा मंच के सुझाव पत्र में कहा गया है कि वास्तविक जनजातियों के साथ पूरा न्याय करते हुए उन्हें ही निर्धारित सुविधाएं प्रदान की जाना चाहिए. बचा दें साल 2010 में इस विषय पर जनमत संग्रह के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था. जिसमें 27 लाख से अधिक जनजाति वर्ग के लोगों ने हस्ताक्षर किए थे.

सुझाव पत्र में कहा गया है कि, मध्यप्रदेश के जनजाति नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया समेत कई जनजाति नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने भी इस संबंध में आवेदन और ज्ञापन समय-समय पर सौंपे हैं. हाल ही में लोकसभा में भी यह विषय चर्चा में आया है. जनजाति सुरक्षा मंच ने मुख्यमंत्री को सौंपे सुझाव पत्र को राष्ट्रपति को अग्रेषित करने का आग्रह किया गया है.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुरूवार को उनके निवास पर जनजाति सुरक्षा मंच मध्यप्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक सुढाव पत्र सौंपा. जनजाति मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिए गए सुझाव पत्र में कहा कि, धर्मान्तरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची से अलग कर उन्हें दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करना चाहिए.

वास्तविक जनजातियों को मिले पूरा न्याय

जनजाति सुरक्षा मंच के सुझाव पत्र में कहा गया है कि वास्तविक जनजातियों के साथ पूरा न्याय करते हुए उन्हें ही निर्धारित सुविधाएं प्रदान की जाना चाहिए. बचा दें साल 2010 में इस विषय पर जनमत संग्रह के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था. जिसमें 27 लाख से अधिक जनजाति वर्ग के लोगों ने हस्ताक्षर किए थे.

सुझाव पत्र में कहा गया है कि, मध्यप्रदेश के जनजाति नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया समेत कई जनजाति नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने भी इस संबंध में आवेदन और ज्ञापन समय-समय पर सौंपे हैं. हाल ही में लोकसभा में भी यह विषय चर्चा में आया है. जनजाति सुरक्षा मंच ने मुख्यमंत्री को सौंपे सुझाव पत्र को राष्ट्रपति को अग्रेषित करने का आग्रह किया गया है.

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