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सरकार बदलने के बाद भी प्रदेश में नहीं रुक रहे अवैध खनन के मामले, जबलपुर सबसे अव्वल - प्रदीप जयसवाल

कांग्रेस सरकार बनने के बाद छ: माह में अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा मामले जबलपुर से सामने आए हैं.

सरकार बदलने के बाद भी प्रदेश में नहीं रुक रहे अवैध खनन के मामले
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Published : Jul 14, 2019, 11:57 PM IST

भोपाल| प्रदेश में सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन अवैध खनन करने वाले रेत माफियाओं के हौसले अब भी बुलंद हैं. कांग्रेस सरकार बनने के बाद छह महीने में अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा मामले जबलपुर से सामने आए हैं. यहां 158 मामले दर्ज किए गए. लेकिन प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल दावा कर रहे हैं की नई खनिज नीति से अवैध रेत खनन पर रोक लगेगी.

सरकार बदलने के बाद भी प्रदेश में नहीं रुक रहे अवैध खनन के मामले

विधानसभा चुनाव कि पहले से कांग्रेस अवैध रेत खनन के मु्द्दे को जोर-शोर से उठाती रही है. साथ ही इन मामलों पर बीजेपी को भी लगातार घेरती रही है. लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के छ: महीने बाद भी प्रदेश में अवैध रेत खनन पर लगाम नहीं लगाई जा सकी. खनिज विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से जून 2019 के बीच प्रदेश में अवैध रेत खनन के 1015 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा अवैध खनन के मामले जबलपुर जिले में सामने आए हैं.

जबलपुर में अवैध खनन के 158 मामले सामने आए हैं. वहीं होशंगाबाद में 154, छतरपुर में 83, खरगौन में 77, बैतूल में 25, अनूपपुर में 24, शिवपुरी में 10, पन्ना में 13, शाजापुर में तीन, ग्वालियर में छ:, मुरैना में चार, गुना और झाबुआ में दो-दो अवैध उत्खनन के मामले सामने आए हैं. अवैध उत्खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई से सरकार को तीन करोड़ 70 लाख रुपए जुर्माने के रूप में मिले हैं.

भोपाल| प्रदेश में सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन अवैध खनन करने वाले रेत माफियाओं के हौसले अब भी बुलंद हैं. कांग्रेस सरकार बनने के बाद छह महीने में अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा मामले जबलपुर से सामने आए हैं. यहां 158 मामले दर्ज किए गए. लेकिन प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल दावा कर रहे हैं की नई खनिज नीति से अवैध रेत खनन पर रोक लगेगी.

सरकार बदलने के बाद भी प्रदेश में नहीं रुक रहे अवैध खनन के मामले

विधानसभा चुनाव कि पहले से कांग्रेस अवैध रेत खनन के मु्द्दे को जोर-शोर से उठाती रही है. साथ ही इन मामलों पर बीजेपी को भी लगातार घेरती रही है. लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के छ: महीने बाद भी प्रदेश में अवैध रेत खनन पर लगाम नहीं लगाई जा सकी. खनिज विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से जून 2019 के बीच प्रदेश में अवैध रेत खनन के 1015 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा अवैध खनन के मामले जबलपुर जिले में सामने आए हैं.

जबलपुर में अवैध खनन के 158 मामले सामने आए हैं. वहीं होशंगाबाद में 154, छतरपुर में 83, खरगौन में 77, बैतूल में 25, अनूपपुर में 24, शिवपुरी में 10, पन्ना में 13, शाजापुर में तीन, ग्वालियर में छ:, मुरैना में चार, गुना और झाबुआ में दो-दो अवैध उत्खनन के मामले सामने आए हैं. अवैध उत्खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई से सरकार को तीन करोड़ 70 लाख रुपए जुर्माने के रूप में मिले हैं.

Intro:मध्यप्रदेश में सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन रेत के अवैध खनन के मामलों में कमी नहीं आई है। पिछले 6 माह के दौरान अवैध खनन की 1000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं सबसे ज्यादा मामले जबलपुर में सामने आए हैं यहां 158 प्रकरण दर्ज किए गए हालांकि खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल अभी दावा कर रहे हैं की नई खनिज नीति से अवैध रेत खनन पर रोक लगेगी।


Body:विधानसभा चुनाव कि पहले से कांग्रेस अवैध रेत खनन के मु्द्दे को जोर-शोर से उठाती रही है और इसके लिए बीजेपी को घेर दिया है लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के 6 महीने बाद भी प्रदेश में अवैध रेत खनन पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है। खनिज विभाग की आंकड़ों के के मुताबिक जनवरी से जून 2019 के 6 माह के बीच प्रदेश में अवैध रेत खनन के 1015 मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा अवैध खनन के मामले जबलपुर जिले में सामने आए हैं। जबलपुर में अवैध खनन के 158 मामले सामने आए हैं, वही होशंगाबाद में 154, छतरपुर में 83, खरगौन में 77, बैतूल में 25, अनूपपुर में 24, शिवपुरी में 10, पन्ना में 13, शाजापुर में 3, ग्वालियर में 6, मुरैना में 4, गुना और झाबुआ में दो-दो, खरगोन सीधी और दतिया में एक-एक अवैध उत्खनन के मामले सामने आए हैं। अवैध उत्खनन के खिलाफ किए गए कार्रवाई से सरकार को 3 करोड़ 70 लाख रुपए जुर्माने के रूप में मिले हैं।



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